ऋषिगंगा पॉवर प्रोजेक्ट पर शुरू से आपदाओं की मार

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उत्तराखंड
चमोली जिले के जोशीमठ विकास खंड के रैंणी गांव के पास स्थापित ऋषिगंगा पॉवर प्रोजेक्ट निर्माणकाल से ही आपदाओं की मार झेल रहा है। परियाजना लाभ से अधिक नुकसानदायी साबित हुई है। 2011 में परियोजना के बंद होने के बाद योजना को बीते वर्ष शुरू किया गया और रविवार को आपदा में योजना पूरी तरह से तबाह हो गई।
वर्ष वर्ष 2007 में ऋषि गंगा पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड ने ऋषिगंगा नदी पर परियोजना का निर्माण शुरू किया था। वर्ष 2008 में परियोजना क्षेत्र में हुए भूस्खलन से भारी नुकसान हुआ। वर्ष 2009 में कम्पनी ने पुनः निर्माण कार्य शुरू किया। 2010 में पुनः हुई भूस्खलन हुआ और तीन मजदूरों की मौत हो गई।  2011 में परियोजना का फिर शुभारंभ किया गया। इस दौरान यहां परियोजना के लुधियाना निवासी स्वामी और मैनेजिंग डायरेक्टर राकेश मेहरा के सिर पर चट्टान गिर गई। इस हादसे में दोनों की मौत हो गई।
यही नहीं भूस्खलन से परियोजना क्षतिग्रस्त हो गई। इसके बाद परियोजना कुंदन केयर प्रोजेक्ट नई दिल्ली को सौंपी गई। इस  कंपनी ने 2020 में परियोजना को पूर्ण कर विद्युत  उत्पादन शुरू किया। एक वर्ष से भी कम समय में यह परियोजना नेस्तानाबूत हो गई है।