ऋषिकेश, करवाचौथ-मेरा चांद मुझे आया है नजर

0
701

ऋषिकेश, सुहागिनों का त्योहार करवाचौथ आज देशभर के साथ तीर्थ नगरी ऋषिकेश में भी श्रद्धा और उत्साह से मनाया जा रहा है। करवाचौथ को लेकर उत्साहित सुहागनों ने अपनी पसंद के जेवर, परिधान, पीतल, तांबे और मिट्टी के करवां तथा अन्य सामग्री की कल देर रात तक खरीददारी की। पर्व पर पहली बार करवाचौथ मना रहीं दुल्हनों को घर की बुजुर्ग महिलाएं करवाचौथ की विशेषता और परंपराओं के बारे में जानकारी देती नजर आईं।

करवाचौथ पर्व पर सुबह से ही सास और बहुओं के बीच प्रेम और उत्साह दिखाई दे रहा था। उल्लेखनीय है कि यह व्रत सुख-सौभाग्य,दाम्पत्य जीवन में प्रेम बरकरार रखने तथा संकटों के निवारण के लिए मनाया जाता है। परंपरा के अनुसार सुहागनें करवा चौथ का चांद छलनी से देखने के बाद ही अपना व्रत खोलेंगी। कहीं-कहीं सुहागनों के साथ उनके पतियों ने भी आज व्रत रखे। वे भी अपनी पत्नियों के साथ ही चंद्रमा देखने के बाद व्रत खोलेंगे। हाथों में मेहंदी रचा और सोलह श्रृंगार के साथ तीर्थनगरी में महिलाएं करवाचौथ के अवसर पर रात को चांद का दीदार करेंगी। इन सबके बीच करवाचौथ पर सुहागिनों में काफ़ी उत्साह और हर्ष का माहौल दिखा। अपने पति की लम्बी उम्र के लिये व्रत रख रही महिलाएं दुल्हन की तरह सजधज कर तैयार हुई।

सुबह से व्रत में रही महिलाएं रात में चांद देखकर अपना व्रत तोड़ेगी। इससे पहले शहर के विभिन्न मन्दिरों में सुहागिनों ने सामूहिक रूप से करवा चौथ की व्रत-पूजा भी की।