ऋषिकेश की बेटी हर्षिता ठाकुर इंडोनेशिया में आयोजित होने वाली योग सेमिनार में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। उसकी उपलब्धि से तीर्थनगरी गौरवान्वित है। योग के क्षेत्र में हर्षिता की उपलब्धि पर गढवाल महासभा ने रविवार को उसको सम्मानित कर उन्हें सेमिनार मे शानदार प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं दी।
लक्ष्य की सिद्धि साधन से नहीं संकल्प से होती है। यह कहावत छोटे शहरों से निकलकर देश और दुनिया मे सफलता के सोपान तय करने वाली युवतियों पर सटीक बैठती है। फिर चाहे क्षेत्र कोई भी हो। योग की बात करें तो दुनिया भर में भारत का डंका योग के क्षेत्र में बजा है । उत्तराखंड की देवभूमि से चाईना समेत यूरोपीय देशों में योग गुरुओं की जबरदस्त मांग पिछले कुछ वर्षों में सामने आई है। इसी कड़ी में अब धीरे-धीरे महिला योग शिक्षिकाओं की मांग भी तेजी से बढ़ती जा रही है ।शायद यही कारण है कि मौजूदा दौर की युक्तियां फैशन के क्षेत्र के साथ-साथ योग के क्षेत्र में भी अपना भाग्य आजमाने लगी है।हर्षिता की योग के प्रति सर्मपणता ने आज उसे वो राह दिखा दी हैं जहां से वह सफलता की नई इबारतें लिख सकती है। हांलाकि उसका मानना है की अभी तो महज शुरुआत है ।आगे ऊचें मुकाम हासिल करने और योग के क्षेत्र में एक मजबूत पहचान बनाने के लिए बहुत कुछ करना बाकी है। इण्टरनेशनल योगा वीक मे शानदार प्रदर्शन करने के अलावा योग की विभिन्न प्रतियोगिताओं मे गोल्ड मेडल जीत चुकी हर्षिता ने बताया की पेरेंट्स के सपोर्ट की वजह से ही वह योग के फील्ड को चुन पायी। टेबल टेनिस, स्वीमिंग, ट्रेकिंग का शौक रखने वाली हर्षिता के अनुसार योग के जरिए खुद को फिट तो रखा ही जा सकता है साथ ही मोजूदा दौर मे यह एक नया कॅरियर विकल्प है और आजकल इसे कॅरियर के रूप में देखा जा रहा है।हांलाकि वह मानती हैं कि सरकार को योग प्रशिक्षुओं के लिए रोजगार के लिए और मजबूत साधन विकसित करने चाहिए ।ताकि योग प्रशिक्षुओं को अपनी आजिविका के लिए संघर्ष न करना पड़े। इस दौरान उत्तम सिंह असवाल,रवि कुकरेती, रमेश लिंगवाल ,अंकित नैथानी, वीरेंद्र नौटियाल ,आशुतोष कुड़ियाल, सुमित गुप्ता ,दीपिका पंत आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे।