कोरोना संक्रमण के मद्देनजर देहरादून की सब्जी मंडी बंद किए जाने के बाद अब ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र स्थित मंडी परिसर की दुकानों को एहतियात के तौर पर 24 जून तक बंद कर दिया गया है। जिला अधिकारी आशीष श्रीवास्तव द्वारा बीती देर रात इस आशय के आदेश जारी किए गए।
ऋषिकेश की कृषि उत्पादन मंडी समिति के अध्यक्ष विनोद कुकरेती की पहल पर मंडी में 13 जून को 97 लोगों की रेंडम सैम्पल लिये गए थे, जिसकी जांच चंड़ीगढ़ की लैब से कराई गई। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट मिलने के बाद 7 लोगों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इनमें मंडी समिति अध्यक्ष, कर्मचारी, व्यापारी, ट्रांसपोर्टर और पल्लेदार हैं। हालांकि ये सभी एसिम्टोमेटिक लक्षण वाले हैं। इसे लेकर कृषि महकमे में हड़कंप मच गया और जिलाधिकारी ने देर रात ऋषिकेश की कृषि मंडी को 7 दिन के लिए पूर्ण रूप से बंद करने के आदेश बीती देर रात जारी किए। अब ऋषिकेश की कृषि मंडी वैकल्पिक व्यवस्था के तहत आईडीपीएल हाट में लगेगी।
जिलाधिकारी द्वारा जारी इस आदेश में कहा गया है कि नगर निगम ऋषिकेश क्षेत्र अंतर्गत स्थित मंडी परिसर में तत्काल प्रभाव से लॉक डाउन रहेगा और सभी स्थानीय लोग आढ़ती, मजदूर तथा अन्य कर्मचारी अपने-अपने घरों में एकांतवास में रहेंगे। यह व्यवस्था सचिव कृषि उत्पादन मंडी समिति, ऋषिकेश द्वारा सुनिश्चित करवाई जाएगी। लॉक डाउन अवधि में पुलिस द्वारा क्षेत्र के अंतर्गत सभी मार्गों पर बैरिकेडिंग और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे। क्षेत्र की सभी दुकानें प्रतिष्ठान कार्यालय अब पूरी तरह से बंद रहेंगे। मंडी परिसर, ऋषिकेश क्षेत्र अंतर्गत यदि किसी व्यक्ति को सर्दी, जुखाम, और बुखार आदि के लक्षण महसूस होते हैं तो वह तत्काल फोन नंबर 0135-2729250, 2626066, 2726066 और मोबाइल नंबर 7534826066 पर सूचना उपलब्ध कराएं ताकि तुरंत चिकित्सा सुविधा सुलभ कराई जा सके।
जिलाधिकारी ने कहा कि देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी क्षेत्र में इस विषय के बारे में जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप सामुदायिक निगरानी करवाना सुनिश्चित करें। नगर निगम द्वारा उपरोक्त क्षेत्र में पर्याप्त सफाई व्यवस्था के साथ-साथ सैनिटाइजेशन की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई जाए। किसी भी आपात स्थिति में पुलिस के टोल फ्री नंबर 112 पर सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है। सचिव, कृषि उत्पादन मंडी समिति, ऋषिकेश सब्जियों की आपूर्ति के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे। जिलाधिकारी ने कहा है कि जन सामान्य की कोरोना से रक्षा के मद्देनजर इन आदेशों का पालन अनिवार्य है। इनका उल्लंघन करने की स्थिति में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और उत्तराखंड एपिडेमिक डिजीज कोविड-19 रेगुलेशंस 2020, एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 एवं भारतीय दंड संहिता तथा अन्य अधिनियमों की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।