(ऋषिकेश) ऋषिकेश का एक ओर लाल आज कश्मीर में घुसपैठ से लोहा लेते हुए एक मेजर के साथ 4 जवान शहीद हो गए। शहीद ऋषिकेश के भट्टूवाला का रहने वाला था। शहीद की उम्र 25 साल की थी और शहीद की 2:30 साल की बेटी है और बीवी प्रेग्नेंट है । शहीद के घर मे मातम का माहौल है जवान बेटे की शहीद की खबर से मा का रो रो के बुरा हाल है शहीद के पिता भी आईडीबीपी में है । कल शहीद हमीर पोखरिवाल का शव ऋषीकेश लाया जाएगा,बता दें कि उत्तरी कश्मीर के गुरेज सेक्टर में घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करते समय मंगलवार को एक आर्मी मेजर और तीन सैनिक शहीद हो गए। राष्ट्रीय रायफल्स के गश्ती दल और घुसपैठिए के बीच बांदीपुरा के गुरेज सेक्टर के गोविंद नल्लाह में यह मुठभेड़ हुई।मुठभेड़ में ऋषिकेश के अंतर्गत भट्टोवाला, गुमानीवाला के 27 वर्षीय हमीर पोखरियाल पुत्र श्री जयेंद्र पोखरियाल ने अपनी जान की बाज़ी दी।
गुमानीवाला श्यामपुर निवासी राईफल मैन हमीर पोखरियाल जम्बू कश्मीर के बांदीपुरा सेक्टर में आज सुबह 6 बजे शहीद हुए । वे मूल निवासी पोखरियाल गाँव लम्बगांव के निवासी थे। राइफलमैन हमीर सिंह 12 गढ़वाल राइफल में तैनात थे देर रात से ही पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी के बीच आतंकवादी घुसपैठ कराई जा रही थी जिसको रोकने में सेना के एक मेजर सहित 3 जवान शहीद हो गए मुठभेड़ में दो आतंकवादी भी मारे गए हैं । आपको बता दें गुरेज सेक्टर में चल रहा एनकाउंटर अभी भी जारी है।
गढ़वाल का एक और लाल शहीद
आतंकियों के द्वारा किए गए हमले में गढ़वाल का एक और लाल शहीद हो गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा सेक्टर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में उत्तराखंड का एक और वीर जवान दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हो गया है।
कोटद्वार के शिवपुर निवासी जाबांज जवान मनदीप सिंह रावत शहीद हो गए। शहीद मंदीप सिंह 12 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे । सूचना मिलने के बाद शहीद सैनिक के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। पाकिस्तान की ओर से कल देर रात से भी बांदीपुरा के गुरेज सेक्टर में लागातार सीज फायर का उल्लंघन किया जा रहा है। इस दौरान आतंकियों ने भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास किया। उनका सामना भारतीय सेना की टुकड़ी से हो गया। आतंकियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में भारतीय जवानों ने जमकर फायरिंग की। इस बीच भारतीय सेना के एक मेजर और तीन जवान शहीद हो गये। जिनमें कोटद्वार के मंदीप सिंह और ऋषिकेश के हमीर सिंह भी शामिल थे। देश की रक्षा के लिए कुर्बानी देने से पहले उत्तराखंड के लालों ने अपने साथियों के साथ मिलकर चार आतंकवदियों को ढेर कर दिया। और मनदीप सिंह के शहीद होने की खबर लगते ही कोटद्वार उनके परिवार में कोहराम मच गया।