(देहरादून) उत्तर भारतीय मैदानों में बढ़ रही गर्मी के कारण, उत्तराखंड के दो सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन, नैनीताल और मसूरी, पर्यटकों की भारी संख्या से खचाखच भरे हुए हैं।
नैनीताल में स्थिति अधिक गंभीर है, जहां प्रशासन ने हर बार की तरह इस बार भी शहर में पार्किंग फुल होेते ही हिल स्टेशन के बाहर पर्यटकों को रोकने का फैसला किया। दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों को तभी नैनीताल में घुसने की अनुमति दी जा रही है जब यातायात और पार्किंग को अंदर प्रबंधित किया जा सके।
इन पहलों के बावजूद, बीते रविवार शाम को नैनीताल की ओर जाने वाले रास्ते पर 3 से 4 किलोमीटर गाड़ियों की एक बड़ी संख्या में ट्रैफिक जाम था, जिन्हें धीरे-धीरे हिल स्टेशन में जाने दिया जा रहा था।
एक पर्यटक, कार्तिक शर्मा, जो चांदनी चौक से आए थे, ने बाताया कि, “नैनीताल के बाहरी इलाके में लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा क्योंकि ट्रैफिक की वजह से उन्हें आगे बढ़ने की ना जगह थी ना पुलिस की परमिशन।” उन्होंने कहा ,कि “हमें यहाँ इस तरह के ट्रैफ़िक जाम की उम्मीद नहीं थी। हम दिल्ली की गर्मी से बचने के लिए यहां आए थे लेकिन यहां भी दिल्ली जैसे ट्रैफिक जाम की हमने उम्मीद नहीं की थी।”
केवल नैनीताल ही नहीं मसूरी की हालत भी कुछ ऐसी ही थी। पहाड़ो की रानी मसूरी की वादियों में इस बार पर्यटकों की इस बाढ़ ने शहर में ट्रैफिक के नक्शे को ही बदल दिया।
बीते रविवार को सुबह से ही मसूरी के आसपास ट्रैफिक काफी ज्यादा था और भीड़ पर काबू करने के लिए, मसूरी पुलिस को कंपनी गार्डन क्षेत्र की ओर गज्जी मोड़ क्षेत्र से रूट डायवर्जन का सहारा लेना पड़ा।ज्यादा ट्रैफिक वाले क्षेत्रों जैसे कि गांधी चौक के पास स्थिति ज्यादा खराब थी। यहां पर भीड़ और ज्यादा गाड़ियों की वजह से ट्रैफिक की रफ्तार धीमी ही रही। नए ट्रैफिक प्लान के तहत ट्रैफिक मूवमेंट को आसान बनाने के लिए कंपनी बाग की तरफ गज्जी मोड़ मार्ग पर हल्के और मध्यम वाहनों को मोड़ा गया।
जॉलीग्रांट एयरपोर्ट या देहरादून रेलवे स्टेशन पर टैक्सी वाले, मसूरी के लिए जाने से इनकार करते हुए कहते हैं, “हिल-स्टेशन में इस मौसम में लंबी कतारें और जाम से बचने का सबसे अच्छा रास्ता यह है कि उस तरफ जाओ ही नहीं।”
निदेशक ट्रैफिक केवल खुराना कुछ राहत की उम्मीद करते हैं, “2 यूनिट सीपीयू, 30 कांस्टेबल, 4 सब-इंस्पेक्टर, 4 होमगार्ड, 1 पीएसी की टुकड़ी स्थायी रूप से मसूरी में तैनात रहेंगे, जब तक कि सीजन खत्म नहीं हो जाता।”
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सड़क के किनारों पर अतिक्रमण, और चारधाम यात्रा पर यमुनोत्री और गंगोत्री जाने वाली बसें भी ट्रैफिक के संकट से जुझ रही हैं। पहाड़ी शहर से गुजरने वाले राजमार्ग पर अतिक्रमण ने वाहनों को स्वतंत्र रूप से चलना मुश्किल बना दिया।