देहरादून, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून सहित अन्य जिलों में सड़क दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। वर्ष 2018 में करीब 975 से अधिक लोगों ने सड़क हादसों में अपनी जान गंवाई है। सड़क हादसों के आंकड़ों में कमी न आना पुलिस और प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल रहा है।
राज्य में वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2018 में अधिक नागरिकों ने सड़क हादसे में अपनी जान गंवाई है। वहीं वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2019 के चार महीनों में सड़क हादसे के आंकड़ों को में काफी वृद्धि देखने को मिल रही है। साल 2017 में 1603 दुर्घटनाओं में 1631 लोग घायल हुए, जबकि 492 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। वर्ष 2018 में 1468 सड़क हादसों में घायलों की संख्या 1571 और मरने वालों का आंकड़ा 1047 था। इसी प्रकार वर्ष 2019 के चार महीनों में ही लगभग तीन सौ लोग जान गंवा चुके हैं।
वर्ष 2018 में सड़क हादसे में 975 लोगों ने गवांई जान
पुलिस मुख्यालय के आंकड़ें के मुताबिक वर्ष 2018 में उत्तरकाशी की 35 घटनाओं में 75 लोग मरे, जबकि 72 लोग घायल हुए। टिहरी की 113 दुर्घटनाओं में 51 लोग मरे, जबकि 238 घायल हुए। चमोली के 51 दुर्घटनाओं में 20 लोगों की मृत्यु हुई, जबकि 145 लोग घायल हुए।
रूद्रप्रयाग की 22 दुर्घटनाओं में 11 लोग मारे गए, 55 लोग घायल हुए। सर्वाधिक घटनाएं देहरादून में हुई जहां 342 घटनाएं हुई इनमें 144 लोगों ने अपनी जान गंवाई जबकि 250 से अधिक लोग घायल हुए। वहीं हरिद्वार की 333 घटनाओं में 149 लोग मरे, 257 घायल हुए। प्रदेश में सबसे अधिक दुर्घटनाएं उधमसिंह नगर में हुई। यहां 362 दुर्घटनाओं में 252 लोगों ने जान गंवाई और 260 से अधिक लोग घायल हुए।
उधमसिंह नगर में सर्वाधिक 134 दुर्घटनाएं, 88 मौतें
कुमाऊं भी इस मामले में कम नहीं रहा। यहां भी पिथौरागढ़ सबसे अधिक गंभीर क्षेत्र रहा जहां 32 घटनाएं हुई, 37 लोग मारे, 52 लोग घायल हुए। सबसे कम घटनाएं अल्मोड़ा में 11 दुर्घटनाओं में 4 लोग मरे 12 घायल हुए। सड़क दुर्घटनाओं में उत्तरकाशी 24, टिहरी में 68 दुर्घटनाएं हुई।
वर्ष 2019 के चार महीनों में 232 लोगों की मड़क हादसों में मौत
एक जनवरी 2019 से 30 अप्रैल तक के आंकड़ें देते हुए पुलिस मुख्यालय मानता है कि सतर्कता के बावजूद उधमसिंहनगर में सर्वाधिक 134 दुर्घटनाएं हुई। इसमें 88 लोग मारे गए और 104 घायल हुए। दूसरा स्थान राजधानी देहरादून का जहां 107 दुर्घटनाओं में 59 लोगों को जवान गंवानी पड़ी और 73 लोग घायल हुए।
नैनीताल दुर्घटना बहुल क्षेत्र
उधमसिंह नगर और देहरादून के बाद हरिद्वार तीसरा वह जनपद है। यहां 82 दुर्घटनाएं हुई, इनमें 52 लोगों को जान गंवानी पड़ी और 56 लोग घायल हुए। इसके बाद नैनीताल में 68 दुर्घटनाएं हुई, इसमें 33 लोग मौत के घाट उतरे और 41 घायल हुए। अन्य जनपदों में घटनाओं का अनुपात कम है। पुलिस प्रशासन भी मानता है कि देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंहनगर के बाद नैनीताल दुर्घटना बहुल क्षेत्र है, यहां सड़क दुर्घटनाओं में लोगों को ज्यादा जान गंवानी पड़ती है। बहरहाल, आंकड़ें बता रहे हैं कि सड़क हादसे में असमय ही लोग काल के गाल में समा रहे हैं। इस ओर राज्य सरकार और पुलिस/यातायात विभाग को काफी कुछ करना शेष है।