गुलाब महज फूल ही नहीं, आमदनी का जरिया भी

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गोपेश्वर,  गुलाब महज एक खूबसूरत फूल ही नहीं, बल्कि इसे आमदनी का जरिया भी बनाया जा सकता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है चमोली जिले की जोशीमठ क्षेत्र एक दर्जन से अधिक गांव की महिलाओं ने गुलाब के फूल को अपने स्वरोजगार का जरिया बना कर पलायन रोकने का प्रयास भी किया है।

जोशीमठ क्षेत्र के मेरग, बडागांव, लाता, परसारी, तपोंण सहित एक दर्जन से अधिक गांव की महिलाओं ने गुलाब के फूलों की खेती कर उसे अपनी आजीविका से जोडा है। यही नहीं यहां की महिलाओं के माध्यम से तैयार किया गया गुलाब के फूलों को सुगंधित तेल वर्ष 2018 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योग दिवस के अवसर पर देहरादून पहुंचे थे तो सगंध पादप केंद्र सेलाकुई देहरादून के निदेशक नृप सिंह ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के माध्यम से भेंट किया था। मोदी ने इस तेल की तारीफ भी की थी।

जोशीमठ के गावों में बड़ी मात्रा में महिलाएं और ग्रामीण गुलाब की खेती कर इसके तेल और जल से स्वरोजगार कर रहे हैं। ग्रामीण गुलाब जल और तेल को बाजार में उपलब्ध कराकर लाखों की आय अर्जित कर रहे हैं। सगंध पादप के तकनीकी विशेषज्ञ विजय बमोला ने बताया कि गुलाब की खेती से महिलाएं और ग्रामीण लाखों रूपये की आय अर्जित कर रहे हैं। गुलाब का कृषिकरण जाड़ों में होता है और अप्रैल से जून माह तक इसकी फ्लावरिंग होती है। ग्रामीण मनरेगा योजना से भी गुलाब की खेती कर रहे हैं। जोशीमठ के ग्रामीणों को देखकर अब जिले के अन्य क्षेत्रों के ग्रामीण भी गुलाब की खेती को करने में रुचि ले रहे हैं।