हरिद्वार, कांवड़ मेला विधिवत रूप से सकुशल सम्पन्न हो गया। आस्था व श्रद्धा के साथ कांवड़ लेकर जाने वाले हरिद्वार नगरी को केवल गंदगी की सौगात दे गए। जिस कारण शहर के कुछ हिस्सों में भीषण दुर्गधं फैली हुई है।
29 जुलाई से कांवड़ मेले की शुरूआत हुई थी। नौ अगस्त को कांवड़ मेला सकुशल सम्पन्न हो गया। इस दौरान तीन करोड़ से अधिक कांवड़िए हरिद्वार पहुंचे तथा गंगाजल भरकर अपने गंतव्य की ओर कूच कर गए। इस दौरान कांवड़ियों द्वारा फैलाई गई गंदगी स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। करोड़ों की संख्या में कांवड़ियों के आने और प्रदेश सरकार द्वारा र्प्याप्त व्यवस्थाएं न करने के कारण कांवड़ियों ने गंगा के किनारे व खुले में शौच किया। इस कारण पूरे शहर में गंदगी के डेर लगे हुए हैं।
दोपहर बाद तक डाक कांवड़ जारी रहने के कारण निगम प्रशासन सफाई व्यवस्था को चालू नहीं करवा सका। जिस कारण गंदगी से लोगों का हाल बेहाल है। हालात यह हैं कि जिन लोगों ने कांवड़ के दौरान दुकानों के ठेके लिए थे उन पर सफाई की भी जिम्मेदारी थी, किन्तु कांवड़ समाप्त होते ही सभी चले गए और पीछे छोड़ गए गंदगी। जिस कारण स्थानीय लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। कनखल के संन्यास मार्ग, बैरागी कैम्प, पंतद्वीप, लाल कोठी, उत्तरी हरिद्वार के पहाड़ से सटे इलाकों की हालत सबसे अधिक खराब है। हालत यह है कि बिना मुंह पर कपड़ा रखे यहां से गुजरना नामुमकिन हो रहा है। अब यदि कुछ घंटे मुसलाधार बारिश हो तो स्थानीय लोगों को गंदगी और बदबू से निजात मिल सकती है।