गोपेश्वर। साढे ग्यारह हजार फीट की उंचाई पर स्थित पंच केदारों में एक केदार रुद्रनाथ के कपाट शनिवार को वैदिक परम्पराओं व पूजा-अर्चना के साथ ब्रह्म मुहुर्त में सुबह पांच बजे आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। इस अवसर पर सैकड़ो के तादाद में पहुंचे भक्तों ने रुद्रनाथ की जय उद्घोष के साथ वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
शीतकाल में छह माह के लिए बंद हुए रुद्रनाथ के कपाट शनिवार को सुबह पांच बजे आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। शीतकाल में भगवान रुद्रनाथ के कपाट बंद होने पर भगवान की उत्सव डोली गोपेश्वर गोपीनाथ मंदिर परिसर में भगवान रुद्रनाथ की गद्दी स्थल पर रखी जाती है। जहां से कपाट खुलने पर भगवान की उत्सव डोली हिमालय के लिए प्रस्थान करती है।
17 मई को भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली ने गोपीनाथ मंदिर से प्रस्थान किया था जो 18 मई की शाम को रुद्रनाथ पहुंच गई थी। शनिवार को मंदिर के पुजारी हरीश भट्ट ने वैदिक परंपराओं के साथ पूजा-अर्चना कर रुद्रनाथ के कपाट खोले। इस अवसर पर रुद्रनाथ पहुंचे सैकड़ो की तादात में भक्तों ने रुद्रनाथ के महाभिषेक पूजा में भाग लेकर प्रसाद ग्रहण किया तथा बाबा रुद्रनाथ के जय उद्घोष के साथ पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। अब छह माह यहां पर रुद्रनाथ के मुखाकृति के दर्शनों के लिए हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव के मुख के दर्शन पूरे भारत वर्ष में रुद्रनाथ में ही होते है।