रुद्रप्रयागः मानकों को ताक में रखकर बनाई जा रही सुरक्षा दीवार 

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रुद्रप्रयाग
काश्तकारों की कृषि की सुरक्षा और जानवरों को ग्रामीण क्षेत्रों से दूर रखने के उद्देश्य से वन विभाग दूरस्थ जंगलों में सुरक्षा दीवार और चेक डैम निर्माण के नाम पर बजट ठिकाने लगाने में लगा हुआ है। रुद्रप्रयाग वन्य जीव प्रभाग यूनिट गुप्तकाशी ने मानकों को ताक में रखकर क्षेत्र के अंतर्गत जंगलों में जो दीवारें और चेक डैम निर्मित किए हैं, वह मानकों के अनुरूप नही हैं। मामले में अब विभाग इसे ठेकेदार की गलती मानते हुए अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहा है और मानकों के अनुसार कार्य किये जाने की बात कर रहा है।
दरअसल, रुद्रप्रयाग वन्यजीव प्रभाग की गुप्तकाशी यूनिट की ओर से वर्तमान में ल्वारा क्षेत्र के जंगलों में जानवरों से कृषि के बचाव के लिए लगभग आठ सौ मीटर सुरक्षा दीवार निर्मित की जा रही है, जो महज एक से डेढ़ फीट ही निर्मित की जा रही है। साथ ही कई स्थानों पर जीर्ण-शीर्ण पुरानी दीवारों के ऊपर ही नए पत्थरों को लगाकर जिम्मेदारियों की इतिश्री की जा रही है। मानकों की बात करें तो यह दीवारें एक मीटर के करीब ऊंची होनी चाहिए। विभाग के अनुसार इन ऊंची दीवारों के निर्मित होने के बाद कोई भी जानवर इसे फांदकर बाहर नहीं जा सकता है, लेकिन ल्वारा क्षेत्र में इसके उलट कार्य किया जा रहा है। एक फीट की दीवार का निर्माण हो रहा है, जिसे फांदकर कोई भी जीव दूसरे स्थानों का रुख कर सकता है तो फिर इन दीवारों के निर्माण का क्या औचित्य है, यह समझ से परे है। साफ है कि वन विभाग आहरित बजट को ठिकाने लगाने के लिए दीवार निर्मित कर रहे हैं, जो मानकों के अनुसार नहीं बन रही है। ना ही निर्माण में फाउण्डेशन बनाई जा रही है। ऐसे में इन कच्ची दीवारों का निर्माण क्यों किया जा रहा है।  कई स्थानों पर तो पुरानी जीर्ण शीर्ण अवस्था में पहुंच चुकी दीवारों के ऊपर ही नये पत्थरों को लगाकर मानकों को पलीता लगाया जा रहा है।
इसके साथ ही जो चेक डैम गदेरों के किनारे निर्मित किए जाने थे, उन्हें जंगलों के बीचो-बीच बनाकर जिम्मेदारी निभाई जा रही है। इस बाबत जब गुप्तकाशी यूनिट से दूरभाष पर संपर्क करने की कोशिश की गई तो किसी ने कॉल रिसीव नहीं की।
डीएफओ वैभव कुमार ने कहा कि यदि मानकों के इतर कार्यों को विभाग के कर्मचारी अंजाम दे रहे हैं तो उनके विरुद्ध जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि किसी भी निर्माण कार्य के लिए टेंडर निकालना अत्यंत जरूरी है। अगर यह कार्य बिना टेंडर के किया जा रहा है तो संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। डीएफओ ने बताया कि वर्तमान में कोई भी कार्य हो, उसकी जांच के लिए टीम गठित की गई जो कार्य के बाद निर्माण स्थल का दौरा करके उसकी जांच करेंगे। यदि कोई भी कार्य मानकों के अनुसार नहीं पाया जाता है तो ऐसे लोगों के विरुद्ध पंजीकृत धाराओं में कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।