उत्तरकाशी, जो लोग साहसिक खेलों में दिलचस्पी रखते है उनके पास हमेशा कुछ अलग करने के लिए कुछ ना कुछ होता है। राष्ट्रीय कायाकिंग प्रतियोगिता 2 से 3 मार्च, 2019 तक उत्तरकाशी जिले के नैटवार में टोंस नदी पर आयोजित की जा रही है।
आपको बतादें कि 2010 में इस क्षेत्र में राष्ट्रीय राफ्टिंग प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया था। उसके बाद यहां इस तरह की किसी भी प्रतियोगिता का आयोजन नहीं किया गया। अब नौ साल के अंतराल के बाद, यह नदी स्प्रिंट और सैलोम कयाकिंग शैलियों के साथ, प्रतिभागियों को रोमांचित करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
सतलुज जल विद्युत निगम नैटवार और मोरी के बीच 4-5 किलोमीटर की दूरी में होने वाली कयाकिंग प्रतियोगिता के लिए फंड देगा। आयोजकों को उम्मीद है कि इस प्रतियोगिता में पूरे भारत के चालीस कैयाकर्स, पुरुष और महिलाएं, दोनों और कुछ विदेशी प्रतिभागी भी इस साहसिक खेल में भाग लेंगे।
रूपिन और सुपिन सहायक नदियों के संगम से निर्मित, टोंस नदी सुंदर जौनसार घाटी से होकर बहती है, और कैयाकर्स को और रोमांचित करने के लिए चार प्लस के रैपिड्स हैं।
आने वाल कार्यक्रम के पीछे प्रवीण रांगण का बहुत बड़ा हाथ हैं और इस वक्त वह तैयारियों में लगे हुए हैं कि इस कार्यक्रम में कोई कमी ना रह जाए, तैयारियों के बीच समय निकालकर वह हमें बताते है कि, “यह साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने और क्षेत्र के युवाओं को रोजगार देने का एक प्रयास है। टोंस बहुत टेक्निकल है, और ऋषिकेश में गंगा की तुलना में एक कम पानी वाली नदी है, जो इसे एक चुनौती बनाती है।”
इस आयोजन के बारे में आशावादी महसूस करते हुए, डीएम डॉ आशीष चौहान कहते हैं, “हम चाहते हैं कि आने वाले समय में पर्यटकों को उत्तरकाशी जिले का पता चले और ज्यादा से ज्यादा टूरिस्ट जिले की तरफ रुख करें । हर-की-दून और हर्सिल की तुलना में जिले और विशेष रूप से टोंस घाटी में बहुत कुछ है अपने पर्यटकों के लिए। “
अगर सब कुछ ठीक रहा, तो आने वाले अप्रैल से जून के महीने, रंगीन राफ्ट टोंस नदी में गोते खाते भी दिखाई देंगी।