जान जोखिम में डालकर आने जाने के लिए मजबूर हैं ग्रामीण व स्कूली बच्चें

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चमोली

चमोली जिले के विकासखंड दशोली स्थित ग्राम पंचायत स्यूंण को जोड़ने वाली सड़क बीते 31 जुलाई को भारी बारिश के कारण दो सौ मीटर से अधिक सड़क और लुदाउं गदेरे पर बना लकड़ी का पुल बह गया था, जो वर्तमान तक जस की तस स्थिति में होने के चलते ग्रामीणों को मुख्य मार्ग तक आने और बच्चों को स्कूल जाने के लिए इस गदेरे को पार करना पड़ रहा है। इससे किसी अनहोनी घटना के घटित होने की संभावना बनी हुई है।

ग्राम प्रधान मनोरमा देवी, सामाजिक कार्यकर्ता कुलदीप नेगी, धीरज राणा, अरविंद रावत, पूर्व प्रधान जगदीश रावत, आनंद राणा का कहना है कि बीते 31 जुलाई को हुई भारी बारिश से ग्रामीणों की काश्तकारी की भूमि के साथ ही गोशालाओं को भी नुकसान पहुंचा। वहीं दो सौ मीटर सड़क और गदेरे पर बना लकड़ी का पुल बह गया था, लेकिन विभाग की ओर से सड़क ठीक करने व पुल बनाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है जबकि इस संबंध में जिलाधिकारी व उपजिलाधिकारी चमोली को ज्ञापन भी दिया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि ग्रामीण सुबह अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए गदेरे को पार करवाने के लिए आते हैं और शाम को फिर उन्हें लेने पहुंच रहे हैं। बच्चे सड़के के क्षतिग्रस्त होने के कारण सात किलोमीटर की दूरी तय कर स्कूल पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि बरसात के इस मौसम में अचानक कभी भी गदेरे का पानी बढ़ रहा है ऐसे में कभी भी कोई अनहोनी घटना घटित हो सकती है लेकिन प्रशासन इस ओर से लापरवाह बना हुआ है। इससे ग्रामीणों में खासा रोष व्याप्त है।