ग्रामीण डाक सेवकों का चौथे दिन भी हड़ताल

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अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ के आह्वान पर ग्रामीण डाक सेवकों का हड़ताल शुक्रवार तीसरे दिन भी देहरादून सहित पूरे प्रदेश में जारी रहा। जिसका असर ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है।

पिछले तीन दिनों से चल रहे ग्रामीण डाक सेवकों के हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रहा। देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, रुद्रपुर, गोपेश्वर सहित अन्य जिलों के ग्रामीण डाक कर्मी अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहे है।
धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकार ग्रामीण डाक सेवकों की मांगे नहीं मान रही है। जब तक मांगें नहीं मानी जाएगी तब तक हड़ताल जारी रहेगा। उन्होंने जीडीएस कमेटी रिपोर्ट पर एआईजीडीएसयू द्वारा दिए गए सुझाव को लागू करने, ग्रामीण डाक सेवकों से आठ घंटे कार्य लेने, ग्रामीण डाक सेवकों को डाक कर्मी का दर्जा देने तथा पेंशन योजना लागू करने की मांग किया। अगर इसी तरह हड़ताल लंबी चली तो ग्रामीण क्षेत्रों में परेशानियां बढ़ सकती हैं। हड़ताल के चलते न तो डाक आपा रही है और नहीं प्रधान या उप डाकघरों के जरिए पत्र पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में आवश्यक कागजात समय से घर न पहुंच पाने से लोगों की चिंताएं बढ़ गई है। 


हड़ताली डाककर्मियों का कहना है कि संघ नियमितीकरण सहित कमलेश चंद्र कमेटी की सिफारिशों को लागू करने सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। केंद्रीय एवं प्रांतीय कार्यकारिणी के आह्वान पर बेमियादी हड़ताल शुरू की गई है। जब तक मांगों को लेकर कदम नहीं उठते तब तक आंदोलन को जारी रखा जाएगा। देहरादून के प्रधान डाकघर के पोस्टमास्टर जेपी सेमवाल ने न्यूजपोस्ट से बातचीत के दौरान कहा कि ग्रामीण डाक कर्मियों की मांग जायज है और उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण चल रहा है।
देहरादून शहर में हड़ताल से ज्यादा परेशानी नही है और वे सहयोग भी प्रदान कर रहे है लेकिन ग्रामिण क्षेत्रों में परेशानी हो रही है।
गांवों के छोटे-बड़े डाकखाने बंद है, न तो मनिऑर्डर हो रहे है और ना ही गांव के डाकघरों में बचत जमा हो रही है। इधर गांव से लेकर जिला मुख्यालय के मुख्य डाकघर में ग्रामीण डाक कर्मी हड़ताल पर जमे है।प्रतियोगितात्मक परीक्षाओं की कोई जानकारी नहीं मिल रही है।

आज के डिजिटल युग में भी कई गांव व घाटियां ऐसी है, जहां सूचनाओं का आदान-प्रदान टेलीफोन के बजाय चिट्ठी-पत्रियों से होता है। जिन क्षेत्रों में संचार व्यवस्था ठीक नहीं या पहुंची ही नहीं, ऐसे में डाकिये की चिट्ठी ही सूचनाओं का माध्यम है। पल्ला, किमाणा, जखोला, द्वींग तपोण हो या नीती मलारी घाटी अथवा सुतौल कनौल या देवाल के सुदुरवर्ती गांव में सूचनाओं के साधन है। इन गांव के डाक कर्मी हड़ताल पर है। ग्रामीण डाक सेवक संघ के अध्यक्ष पान सिंह नेगी, बीआर देवराडी, योगेश्वर प्रसाद सती, सतीश भट्ट ने बताया कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जायेंगी तब तक वे हड़ताल पर डटे रहेंगे। 21 को महारैली निकाली जायेगी।