हरिद्वार। 2013 में केदारनाथ धाम में भीषण त्रासदी में हजारों श्रद्धालुओं की जान चली गई थी। उसी पृष्ठभूमि पर बनी हिंदी फिल्म केदारनाथ रिलीज से पहले ही विवादों में घिरती जा रही है। 7 दिसम्बर को रिलीज होने जा रही इस फिल्म को लेकर संतों में काफी नाराजगी है। साथ ही इस फिल्म को बैन करने की मांग की है।
फिल्म पर आपत्ति जताते हुए शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने बताया कि वह किसी भी कीमत पर हिन्दुओं की आस्था का केन्द्र भगवान केदारनाथ का अपमान नहीं सहेंगे। हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करने वाली फिल्म को बैन किया जाना चाहिए। संतों ने साफ तौर पर कहा कि फिल्म में दिखाए गए सभी दृश्यों को बैन किया जाना चाहिए, जिनसे लोगों की भावनाएं आहत होती हैं। जगद्गुरू शंकराचार्य राज राजेश्वराश्रम महाराज ने बताया कि यह फिल्म सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति और केदारनाथ की आस्था पर कुठाराघात और कटाक्ष है। ऐसी फिल्में प्रतिबंधित होनी चाहिए। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल करते हुए कहा कि उनके राज में ऐसा कैसे हो रहा है कि सेंसर बोर्ड ऐसी फिल्मों को पास कर रहा है।
दक्षिण काली पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि फिल्म में जिस प्रकार से हिंदू धर्म पर टिप्पणी करने का प्रयास किया है, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। फिल्म से जुड़े लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की फिल्म फ्लॉप हो जाएगी, चल नहीं पाएगी। बाबा हठ योगी ने बताया कि फिल्म में दिखाए गए सभी आपत्तिजनक दृश्यों को काट देना चाहिए, अगर यह फिल्म रिलीज होती है तो उससे लोगों में गलत संदेश जाएगा।