चम्बा राजकीय बालिका इंडर काॅलेज में पहली नैपकिन वैंडिग मशीन स्थापित

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स्कूल में पढ़ने वाली किशोरिकयों की सबसे बड़ी चिंता दूर करने की दिशा में संजय मैटरनिटी सेंन्टर व सेवा सोसायटी ने राजकीय बालिका इंडर काॅलेज चम्बा विद्यालय परिसर में सैनेटरी नैपकिन वेंडिग मशीन स्थापित की। विद्यालय में अध्यनरत छात्राएं जरूरत होने पर वैंडिग मशीन से सैनेटरी नैपकिन निकाल सकेंगें।

100 अचीवर्स आॅफ इंडिया राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डाॅ. सुजाता संजय ने मशीन का शुभारंभ करते हुए बताया कि लड़कियों को इंफेक्शन से बचाने के लिए संजय मैटरनिटी सेंन्टर का यह सराहनीय प्रयास है। अधिकांश लड़कियों में नैपकिन खरीदने को लेकर संकोच रहता है। वे मेडिकल स्टोर में जाकर सेनेटरी नेपकिन लेने से परहेज करती है ऐसे में इन मशीनों के लगने से लड़कियों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि महावारी के दौरान घबराने व शर्माने की जगह जानकारी की जरूरत है। ऐसी स्थिति में अपने घर के बड़े माॅ, बड़ी बहन या भाभी से सही जानकारी लेनी चाहिए। बताया कि 70 प्रतिशत महिलाएं एवं लड़कियां आय की तंगी के कारण सैनेट्री नैपकीन उपयोग नहीं कर पाती है। भारत के अत्यंत पिछड़े इलाको में महिलाएं सैनेटी नैपकीन व स्वच्छ कपड़े का इस्तेमाल नहीं करते हैं। इस अस्वच्छता के कारण ग्रामीण महिलाओं को बच्चेदानी के विभिन्न कैंसरों का सामाना करना पड़ता है।

डाॅ. सुजाता संजय ने बताया कि मासिक चक्र में गड़बड़ी के कई कारण हो सकते है, जैसे गर्भ की स्थापना हो जाना, मानसिक तनाव, चिन्ता अथवा अरक्तता आदि से मासिक चक्र व रक्त स्त्राव आदि में परिवर्तन हो जाता है। मासिक धाम का होना कोई बीमारी नही बल्कि सहज शारीरिक क्रिया है, जिसे रोका नही जा सकता। प्राकृतिक रूप से भी इसमें थोड़ी भिन्नता पाई जाती है। भारत में लड़कियों के मासिक धर्म शुरू होने की औसतन आयु 11 से 14 साल है उन्होंने कहा कि मशीन के माध्यम से छात्राएं 5 रूपये को सिक्का डालकर एक नैपकिन ले सकती है। मशीन लगने से छात्राओं में भी खुशी देखी गई। इस मौके पर काॅलेज प्राचार्या ने संजय मैटरनिटी सेंन्टर व सेवा सोसाइटी के पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि काॅलेज में 300 छात्राएं अध्ययनरत है जिन्हें इसे सुविधा का लाभ मिलेगा।

40 नैपकिन की है मशीन की क्षमता

डाॅ. सुजाता संजय ने कहा कि एक मशीन की क्षमता 40 पैकेट नैपकिन की हैं। नैपकिन खत्म होने पर यूनिट से नैपकिन लेकर मशीन में डालें जाते हैं। एडवांस में भी नैपकिन यूनिट से लेकर स्कूल में रखे जा सकते है। मशीन स्थापित होने के बाद छात्राओं ने सिक्का डालकर नैपकिन हासिल किए। साथ ही इस पहल का स्वागत किया। बताया कि राजकीय बालिका इंटर काॅलेज चम्बा के बाद इस तरह की मशीनों को दूरदराज के बालिका इंटर काॅलेजों में भी लगाने पर विचार किया जा रहा है।