कला एवं संस्कृति का संरक्षण कर रही है संस्कार भारती: सतपाल महाराज

0
1470
पंचायत
File

संस्कार भारतीय जो विलुप्त हो रही ललित कलाओं की संरक्षक संस्था है। कार्यक्रम में पर्यटनमंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि संस्कार भारती संस्कृति की ध्वज वाहक है।

उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता संस्कृति और विलुप्त हो रहे संस्कारों के साथ-साथ संस्कृति को संरक्षण देना आज की आवश्यक आवश्यकता है। इसी काम को संस्कार भारती आगे बढ़ा रही है। सतपाल महाराज ने जनरल महादेव सिंह रोड स्थित एक फर्म हाउस में संस्कार भारती द्वारा आयोजित पुरातत्व कला प्रदर्शनी कार्यशाला एवं प्रच्य कला पर आधारित स्मारिका विमोचन के अवसर पर उपस्थित जन समूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि गढ़वाल की सांस्कृतिक विरासत हमें सदियों तक जागृत करती रहेगी। उन्होंने इस अवसर पर प्रस्तुत प्रदर्शनी के अभिलेखों, चित्र, वाद्ययंत्रों, अस्त्र-शस्त्र आदि की प्रदर्शनी का लोकार्पण करते हुए कहा कि हमें इस धरोहर को संजोकर रखना है।

उन्होंने कहा कि संस्कार भारती की सफलता के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। महाराज ने स्मारिका को अद्वितीय बताया। कार्यक्रम में संस्कार भारती के प्रांतीय संरक्षक पद्मश्री डा. यशेधर मठपाल ने कहा कि पुराकाल में भारतीय संस्कृति और सभ्यता विश्वव्यापी थी, आज विश्व के तमाम देशों में जो संस्कृतियां हैं, उन पर भारतीय संस्कृति की पूरी तरह छाप है। प्रांतीय अध्यक्ष सतीश कुमार माथुर ने लोक कलाओं को सौन्दर्य बोध कराने वाला बताया तथा कहा कि इनका संरक्षण करना हम सब की जिम्मेदारी है।

क्षेत्र प्रमुख देवेन्द्र रावत ने पश्चात्य संस्कृति और भौतिकवादी जीवन पद्धति से समाज को बचाने का आग्रह किया। विशिष्ट अतिथि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरबंस कपूर ने संस्कार भारती के आयोजनों को जनोपयोगी बताते हुए उनकी सराहना की तथा कहा कि संस्था अपने अविरल प्रयासों से निरंतर अग्रसर होती रहेगी। इस अवसर पर जिन विशिष्ट जनों ने अपने विचार रखे, जिनमे प्रांत संगठन मंत्री रोशन लाल, प्रांत उपाध्यक्षा श्रीमती सरिता कपूर के नाम शामिल हैं। दो सत्रों में संपन्न कार्यक्रम में अशोक शर्मा के कविता संग्रह तरंग का लोकार्पण भी किया गया।

कार्यक्रम में संध्या जोशी के निर्देशन में सरस्वती वंदना, ध्येय गीत तथा जागर का प्रस्तुतिकरण किया गया। नाटक व मीडिया के प्रभारी अनिल वर्मा के संयोजन में प्राचीन कला प्रमुख ठाकुर भवानी प्रताप सिंह पंवार को सम्मानित किया गया। डा. श्रीमती भवानी गुप्ता को भी स्मृति चिंह देकर सम्मानित किया गया। प्रथम सत्र का संचालन अरुण चावला तथा आभार प्रदर्शन श्रीमती सविता कपूर ने किया। तृतीय सत्र में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसकी संयोजक व संचालक डा. ममता सिंह थी।