हरिद्वार। पर्यटन एवं तीर्थाटन मंत्री सतपाल महाराज 13 अक्टूबर को नील पर्वत स्थित मां भगवती चण्डी देवी मन्दिर का दौरा कर तीर्थाटन एवं पर्यटन की संभावनाओं का जायजा लेंगे। देवभूमि के द्वार पर स्थित इस पौराणिक सिद्धपीठ को धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से और कितना विकसित किया जा सकता है, इस संबंध में वे मन्दिर समिति तथा व्यापार मण्डल के साथ विचार-विमर्श करेंगे।
बुधवार को मां चण्डी देवी व्यापार मण्डल अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के दौरे की जानकारी देते हुए बताया कि व्यापार मण्डल तथा मन्दिर समिति ट्रस्ट द्वारा उनको आमंत्रित किया गया था। मंत्री के आने की स्वीकृति मिलते ही मां चण्डी देवी व्यापार मण्डल ने उनके स्वागत की तैयारियां प्रारम्भ कर दी हैं। व्यापार मण्डल अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने बताया कि नील पर्वत स्थित मां चण्डी देवी के इस पौराणिक धर्म स्थल पर तीर्थाटन एवं पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जो रोपवे सुविधा आने के बाद से और बढ़ी हैं। धर्मस्थलों को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने बताया कि रोपवे के अतिरिक्त मां चण्डी देवी मन्दिर के दो पैदल मार्ग हैं और दोनों का विकास यदि राज्य सरकार की तरफ से हो जाये और मन्दिर मार्ग को पर्यटन की दृष्टि से विकसित कर दिया जाये तो नील पर्वत पर्यटन का पर्याय बन जायेगा।
धर्म स्थलों के पर्यटन की दृष्टि से विकास करने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने बताया कि हरकी पैड़ी के आस-पास की कुम्भ मेला भूमि की कमी तथा शहर को जाम के झाम से बचाने के लिए अब कुम्भ एवं अर्द्ध कुम्भ मेलों का आयोजन भी चण्डीघाट स्थित चण्डी द्वीप तथा गौरीशंकर द्वीप में ही प्रस्तावित है।