नई दिल्ली, देश के सबसे बड़े बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने अपनी ऋण दरों में कटौती का ऐलान किया। दरों में कटोती के बाद घर और ऑटो लेने वाले लोगों को राहत मिलेगी।एसबीआई ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (एमसीएलआर) में कटौती की है। इसमें पांच आधार अंक (बीपीएस) की कटौती की गई है। जिसके बाद यह दर सालाना 7.90 प्रतिशत से कम होकर 7.85 प्रतिशत हो गई है।
फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी एसबीआई ने 10 से 50 बेसिस प्वाइंट की कमी की है। इसके साथ ही एकमुश्त एफडी (बल्क टर्म डिपॉजिट) पर मिलने वाले ब्याज में भी कमी की गई है। एसबीआई ने अपनी सावधि जमा (एफडी) दरों के अलावा एफडी पर मिलने वाले ब्याज में भी कमी की है। नई दरें 10 फरवरी सोमवार से लागू हो जायेगी।
क्या होता है एमसीएलआर
मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (एमसीएलआर) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय की गई एक पद्धति है। जो कॉमर्शियल बैंक्स द्वारा ऋण ब्याज दर तय करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। भारत में नोटबंदी के बाद से इसे लागू किया गया है। जिसकी वजह से लोन लेना थोड़ा आसान हो गया है। बैंकों से ऋण लेने पर ब्याज दर निर्धारित करने के लिए अप्रैल 2016 में आरबीआई ने एमसीएलआर की शुरुआत की थी।
क्या होता है बीपीएस
आधार अंक (बीपीएस) ब्याज दरों और वित्त में अन्य प्रतिशत के लिए माप की एक सामान्य इकाई को संदर्भित करता है। एक आधार बिंदु 1/100प्रतिशत 1प्रतिशत, या 0.01प्रतिशत, या 0.0001 के बराबर है, और इसका उपयोग वित्तीय साधन में प्रतिशत परिवर्तन को दर्शाने के लिए किया जाता है।