पद्मावत पर हिंसा से निपटने में नाकाम रहने पर चार राज्यों के खिलाफ 29 को सुनवाई

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सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली, फिल्म ‘पद्मावत’ के विरोध के नाम पर कानून-व्यवस्था बिगाड़ रहे लोगों से निपटने में नाकाम रहने पर सुप्रीम कोर्ट में दो अवमानना याचिकाएं दायर की गई हैं, जिन पर सुनवाई के लिए कोर्ट तैयार हो गया है। एक याचिका कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने दायर की है जबकि दूसरी याचिका मुंबई के वकील विनीत ढांडा ने दायर की है। सुप्रीम कोर्ट दोनों याचिकाओं पर 29 जनवरी को सुनवाई करेगा ।

तहसीन पूनावाला ने चार राज्य सरकारों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का केस चलाने की मांग करने वाली याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात में लगातार हिंसा की घटनाएं हो रही हैं । राज्य सरकारें पूरी तरह इन घटनाओं को रोकने में नाकाम रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कानून-व्यवस्था राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है । पूनावाला ने अपनी याचिका में मांग की है कि इन राज्यों के मुख्य सचिव और डीजीपी को कोर्ट में तलब किया जाए।

दूसरी याचिका मुंबई के वकील विनीत ढांडा की ओर दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि फिल्म को सुप्रीम कोर्ट ने रिलीज करने को हरी झंडी देने के बावजूद हिंसा हो रही है। ढांडा ने करणी सेना के तीन नेताओं- सूरजपाल, कर्ण सिंह और लोकेंद्र सिंह कालवी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना का मामला चलाने की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट अपने पहले के आदेश में राज्यों को कानून-व्यवस्था अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म को रोकने की मध्य प्रदेश , राजस्थान और करणी सेना की याचिका को भी खारिज कर दिया था । कोर्ट ने कहा था कि कुछ संगठनों की धमकी पर हम सुनवाई नहीं कर सकते हैं।