छात्रवृत्ति घोटालाः विवि चेयरमैन समेत पांच गिरफ्तार

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Scholarship scam in ITI and madarsa
File Photo
हरिद्वार, छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी की टीम ने रुड़की भगवानपुर स्थित एक विश्वविद्यालय की चेयरमैन के अलावा एक कॉलेज के तीन पदाधिकारियों व एक एकाउंटेंट को गिरफ्तार किया है। सभी पदाधिकारियों को शनिवार की देर शाम हिरासत में लिया गया था, सभी को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
करोड़ों की छात्रवृत्ति घोटाले में जनजाति बोर्ड के उपनिदेशक और हरिद्वार के पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर की गिरफ्तारी होने के बाद शनिवार को एसआईटी की टीम ने रुड़की स्थित एक विवि की चेयरमैन को हिरासत में लिया था।
जांच अधिकारी मंजूनाथ टीसी की अगुआई में जांच कर रही टीम के मुताबिक जिन छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई उनका रजिस्ट्रेशन फर्जी पाया गया। इतना ही नहीं उनका कालेज में दाखिला भी नहीं था। बताया कि कई छात्रों के नाम विश्व विद्यालय में पंजीकृत नहीं थे और कई ऐसे भी थे जो कभी कालेज गए ही नहीं। जांच में पाया गया कि समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से मिलकर बिना छात्रों का भौतिक सत्यापन किए छात्रवृत्ति का पैसा जारी कर दिया गया। बताया की छात्रवृत्ति का पैसा छात्रों के खाते ने भेजकर सीधे कालेज स्थानांतरित कर दिया गया।
बताया कि महावीर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की चेयरमैन मनिका शर्मा निवासी गोविंदपुरी कंकरखेड़ा, मेरठ हाल निवासी मदरहुड इंस्टीट्यूट को पूछताछ के लिए बुलाया गया तो उन्होंने अपने पक्ष में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं दूसरी ओर आईएमएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रूड़की ने भी 4 करोड़ 53 लाख की छात्रवृत्ति का गबन किया। इन्होंने फर्जी छात्रों के आधार पर गबन किया। इस मामले में अंकुर राणा पुत्र विजय सिंह निवासी अंबर तालाब रूड़की, शरद गुप्ता पुत्र मामचन्द्र निवासी सिविल लाईन स्ड़की, मुजीब मलिक निवासी सिविल लाईन रूड़की और योगेन्द्र पाल निवासी सिविल लाईन रूड़की को भी गिरफ्तार किया गया। बताया कि अभी भी मामले में जांच चल रही है।