जिलाधिकारी ने जनपद में ठोस कूड़े व अपशिष्ट के प्रबंधन को लेकर नई पहल की है। इस पहल के तहत स्कूली विद्यार्थियों के माध्यम से ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन को वृहद जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
डीएम धीराज गर्ब्याल ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकतर विद्यालय पैदल दूरी पर स्थित होते हैं। विद्यार्थी घर से स्कूल तक पड़ने वाले पैदल मार्गों में यत्र-तत्र बिखरे खासकर प्लास्टिक के कूड़े को एकत्र करेंगे, और इसे विद्यालय में जमा कराएंगे। विद्यालय में प्रधानाचार्य समस्त विद्यार्थियों द्वारा एकत्रित कूड़े का रिकॉर्ड रखेंगे। सर्वाधिक कूड़े को एकत्रित करने वाले विद्यार्थी को जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
डीएम गर्ब्याल ने बुधवार को गूगल मीट के माध्यम से बैठक लेते हुए अधिकारियों से मिशन मोड में कार्य करने को कहा। मुख्य शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारियो को इस बारे में ठोस अपशिष्ट प्रंन्धन नियम 2016 का परिपालन हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानदार व ग्रामवासी घरेलू कूड़े को कूड़ेदान में डाल सके, इसके लिए जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी 1 से 2 हजार लीटर क्षमता के कूड़ेदानों को विभिन्न स्थलों पर रखवाएं। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रूट प्लान बनाते हुए कूड़े को उठाने के लिए कूड़ा वाहन संचालित करें जिससे कूड़ेदान में एकत्रित कूड़ा समय पर निस्तारित किया जा सके।
डीएम ने बताया कि ठोस अपशिष्ट कूड़ा प्रबंधन में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी जोड़ा जा रहा है। जनपद के पर्यटक स्थलों मुक्तेश्वर, रामगढ़ आदि में आवश्यकता अनुसार संबंधित अधिशासी अधिकारी ‘मेटीरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर’ का प्रस्ताव प्रेषित करें। समूह की महिला इस अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगी। उन्हें प्राप्त आय का अंश भी दिया जाएगा।
डीएम ने जिला पंचायत राज अधिकारी को समस्त ग्राम प्रधानों को सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूक करने के निर्देश दिए। कहा कि ग्राम पंचायत विकास योजना के अनुसार समस्त ग्राम प्रधान निधि का 60 प्रतिशत स्वच्छता व पेयजल क्षेत्र में ही खर्च करें। परिवहन अधिकारी को निर्देशित किया कि समस्त टैक्सी यूनियनों के साथ बैठक कर सुनिश्चित करें कि कोई भी सवारी प्रतिबंधित प्लास्टिक के साथ यात्रा नहीं करेगी। कुरकुरे आदि खाकर रैपर के कूड़े को नियत स्थान पर डालें। इसके लिए टैक्सी चालक टैक्सी में कूड़ेदान या बैग की व्यवस्था करें। इस आदेश के अनुपालन हेतु आरटीओ सघन चेकिंग अभियान चलाएं, व टैक्सी चालक की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई करें।
मुख्य नगर आयुक्त व समस्त अधिशासी अधिकारी नगरपालिका क्षेत्रांतर्गत प्लास्टिक के थोक विक्रेताओं को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई करें। खंड विकास अधिकारी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाएं। लोनिवि, पीएमजीएसवाई अपनी सड़कों पर सफाई अभियान चलाएं। बैठक में एसएसपी पंकज भट्ट, सीडीओ डॉ. संदीप तिवारी, एडीएम शिव चरण द्विवेदी, अशोक जोशी, परियोजना निदेशक अजय सिंह, सीईओ केएस रावत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
हाईकोर्ट की सख्ती के बाद प्रशासनिक मशीनरी हरकत में
ठोस कूडे़ की समस्या पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हाल में कड़ी सख्ती दिखाई है। आगामी 8 सितंबर से न्यायाधीशों द्वारा स्वयं कूड़े की जांच करना भी प्रस्तावित है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के किनारे व वन क्षेत्र में फेंकी जाने वाली गंदगी, वहां कूड़े के निस्तारण की कोई व्यवस्था न होने तथा खासकर एकल प्रयोग प्लास्टिक के प्रतिबंधित होने के बावजूद किए जा रहे प्रयोग को लेकर उच्च न्यायालय गंभीर है।