उत्तरकाशी के मोरी ब्लॉक के नुराणु गांव में दर्जनों बच्चे पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो गए हैं, जबकि कई अन्य शिक्षा की तलाश में गांव छोड़कर दूसरे स्थानों में चले गए हैं। इसका कारण गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी का होना है। हालात ये है कि विद्यालय में बीते चार सालों से एक भी शिक्षक नहीं है। इस वजह से जिस विद्यालय में कभी 26 छात्र थे, वहां आज केवल 12 छात्र ही बचे हैं जो किसी तरह गांव की बेसिक पाठशाला में तैनात शिक्षकों के भरोसे अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं। ग्रामीणों ने शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विभाग से कई बार गुहार भी लगाई, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मोरी ब्लॉक में नैटवाड़ क्षेत्र से करीब 13 किमी की पैदल दूरी पर स्थित नुराणु गांव में सालों से बिजली, सड़क सहित कई बुनियादी सुविधाओं की कमी है। हालांकि गांव में दो विद्यालय होने से ग्रामीण अपने बच्चों की शिक्षा के प्रति आश्वस्त थे, लेकिन उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात एक मात्र शिक्षक का 2013 में स्थानांतरण हो गया, जिसके बाद विभाग द्वारा कोई नियुक्ति नहीं की गई। इस लापरवाही के कारण विद्यालय के छात्रों को मजबूरन अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी है जबकि कुछ आर्थिक रूप से मजबूत परिवार अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए नैटवाड़ चले गए। वहीं, विद्यालय में बचे 12 छात्रों की पढ़ाई बेसिक पाठशाला के शिक्षकों के भरोसे कराई जा रही है।
गांव के प्रधान रैणू लाल, बालचंद नेगी आदि ने बताया कि विभाग की अंदेखी के कारण बच्चों को शिक्षा से दूर होना पड़ रहा है जो बच्चे विद्यालय में रह गए हैं, उनका भविष्य भी अंधकार मय है। जबकि नई पीढ़ी के लिए तो कोई उम्मीद ही नहीं बची है। बीते चार सालों में कई अधिकारियों को इस बारे में बताया गया, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई तो ग्रामीणों द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा। वहीं आरसी आर्य, मुख्य शिक्षा अधिकारी का कहना है कि नवम्बर माह की 15-16 तारीख तक शिक्षकों के प्रमोशन होने हैं, जिसके बाद नुराणु उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक नियुक्त कर दिए जाएंगे।