श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में शुरू हुई गढ़वाली में प्रार्थना

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ऋषिकेश, सालो से उपेक्षित पड़ी उत्तराखंड की गढ़वाली भाषा को अब नयी पहचान मिलनी शुरू हो गयी है। ऋषिकेश के श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में सुबह होने वाली प्रार्थना अब गढ़वाली भाषा में होने लगी है जिसके चलते अब मैदानी इलाकों में भी पढ़ने वाले छात्रों को गढ़वाली भाषा में रूबरू होना पड़ रहा है।

जिससे सालों से उपेक्षित पड़े इस भाषा को भी सम्मान मिलने लगा है, श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य आरबीएस रावत ने बताया कि, “बहुत समय से हम लोग प्रयास कर रहे थे कि किसी तरह उत्तराखंड के इस बोली भाषा को बच्चों तक पहुंचाया जाए जिससे उत्तराखंड में रहने वाले बच्चे अपनी भाषा के प्रति जागरूक हो सके और उन्हें यहां की बोली भाषा समझने और बोलने में कठिनाई ना हो इसी प्रयास के तहत हमने गढ़वाली में सुबह की प्रेयर को तैयार करवाया और इसकी शुरुआत करी।

बच्चे भी पसंद कर रहे हैं, वही गढ़वाल महासभा के अध्यक्ष डॉ राजे नेगी का कहना है कि, “हम लगातार प्रयास कर रहे थे कि गढ़वाली भाषा से बच्चों को और नई जनरेशन को जोड़ा जा सके जिससे आने वाले दिनों में यह भाषा विलुप्त ना हो पाए।”

श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में इस तरह का प्रयास किया है जिससे मैदानी क्षेत्र के इस स्कूल में पढ़ने वाले दो ढाई हजार छात्रों में गढ़वाली भाषा का संचार हो सकेगा और भाषा बोली को बचाया जा सकेगा।