बिना फिटनेस-लाइसेंस के दौड़ रहे स्कूली वाहनों के काटे चालान

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देहरादून। मानवाधिकार आयोग को सौंपी गई संभागीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) सुधांशु गर्ग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जिन वाहनों पर स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने की जिम्मेदारी है, वह बिना फिटनेस और चालक लाइसेंस के ही दौड़ाए जा रहे हैं। देहरादून समेत ऋषिकेश, विकासनगर, हरिद्वार व रुड़की में परिवहन विभाग ने सर्वाधिक 286 चालान बिना फिटनेस व लाइसेंस के वाहन संचालन पर ही काटे हैं।

आरटीआइ कार्यकर्ता राजेंद्र प्रसाद ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी कि स्कूली बच्चों को ढोने वाले वाहनों का संचालन नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा है। बिना फिटनेस वाहन चलाए जा रहे हैं, चालकों के पास लाइसेंस नहीं है और वाहनों में ओवरलोडिंग कराई जा रही है। यहां तक कि खुले वाहनों में भी जमकर बच्चों को ढोया जा रहा है। शिकायत का संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग सदस्य हेमलता ढौंडियाल ने आरटीओ का जवाब तलब किया था। आयोग के निर्देश के बाद संभागीय परिवहन कार्यालय में संभाग के तमाम शहरों में स्कूली बच्चों को ढोने वाले वाहनों की जांच भी की और उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। आयोग के समक्ष इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए आरटीओ ने बताया कि इस साल अक्तूबर माह तक 334 वाहनों के चालान काटे गए हैं। साथ ही पांच लाख 38 हजार 300 रुपये का जुर्माना भी वसूल किया गया है। जवाब में आरटीओ ने यह भी बताया कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी स्कूलों को बच्चों को लाने-जाने वाले वाहनों के संबंध में नवंबर माह में दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। वहीं परिवहन विभाग ने ओवरलोडिंग व वाहन की यांत्रिक व भौतिक दशा खराब होने पर भी चालान किए हैं और इन्हें मिलाकर ही चालान का आंकड़ा 334 पर पहुंचता है।

स्कूली वाहनों के काटे गए चालान 

  • शहर,     खुले वाहन  लाइसेंस फिटनेस
  • देहरादून     28          26    12
  • ऋषिकेश    10          42   32
  • विकासनगर 05          31   23
  • हरिद्वार      18          31   20
  • रुड़की       13         31    42
  • कुल          74        150 136