अब माध्यमिक विद्यालयों की गृह परीक्षाएं भी उत्तराखंड बोर्ड के पैटर्न पर होंगी। इसके लिए बोर्ड ने कवायद शुरू कर दी है। इसका मकसद अन्य शिक्षकों को भी बोर्ड के मूल्यांकन के लिए मानसिक रूप से तैयार करना है। साथ ही परीक्षार्थी भी बोर्ड परीक्षा के लिए पहले से तैयार हो सकेंगे।
कक्षा नौ, दस, 11 और 12वीं में छह माह में होने वाली गृह परीक्षाओं का प्रश्नपत्र प्रत्येक जिले की जिला स्तरीय समिति द्वारा तैयार किए जाते हैं, लेकिन प्रश्नपत्र का निर्माण हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा कराने वाली उत्तराखंड बोर्ड के पैटर्न के हिसाब से नहीं होता है। गृह परीक्षा के प्रश्नपत्र में यूनिट वार अंकों का विभाजन बोर्ड के प्रश्नपत्र से भिन्न होता है। ऐसे में परीक्षार्थी गृह परीक्षा के हिसाब से ही बोर्ड की भी तैयारियां करता है, लेकिन अब उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने बोर्ड के पैटर्न को भी गृह परीक्षाओं में लागू करने की रूपरेखा तय कर ली है। परिषदीय अधिकारियों का मानना है कि गृह परीक्षाओं में भी उत्तराखंड बोर्ड के प्रश्नपत्रों का पैटर्न लागू होने से परीक्षार्थियों एवं शिक्षकों को परेशानी नहीं होगी। परीक्षार्थी जहां बोर्ड परीक्षा में आने वाले प्रश्नों के अंक विभाजन को पहले से ही समझकर उसी हिसाब से तैयारी करेगा। साथ ही शिक्षकों को भी गृह परीक्षा में ही बोर्ड का प्रश्नपत्रों का पैटर्न पता चल जाएगा।
सचिव (उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर) वीपी सिमल्टी का कहना है कि बोर्ड के प्रश्नपत्र के पैटर्न को भी गृह परीक्षा में लागू कराया जाएगा। इससे बेहतर मूल्यांकन में बढ़ोत्तरी होगी। वहीं शिक्षक भी बोर्ड के मूल्याकंन के लिए मानसिक रूप से तैयार हो सकेंगे।