यमुुनोत्री राष्ट्रीय राजामार्ग खोलने के लिए अब विशेषज्ञ भूगर्भ वैज्ञानिकों की मदद ली जाएगी। जिला प्रशासन ने इसके लिए आपदा प्रबंधन को पत्र भेजकर विशेषज्ञों की टीम भेजने की मांग की है। दूसरी ओर, यमुनोत्री की यात्रा अब वैकल्पिक तीन किमी पैदल मार्ग से जारी है। डीएम ने कहा कि अगर भूस्खलन रुकता है तो कर्मचारी पांच घंटे के अंदर राजमार्ग को खोल सकते हैं।
सोमवार मध्य रात्रि से अभी तक यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग ओजरी और डबरकोट के पास भूस्खलन के कारण बंद है। जिसको लेकर डीएम उत्तरकाशी ने गुरुवार को प्रेसवार्ता की। उत्तरकाशी जिला सभागार में पत्रकार वार्ता के दौरान डीएम उत्तरकाशी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि ओजरी के पास भूस्खलन जारी है। इस कारण यमुनोत्री मार्ग खोल पाना फिलहाल मुश्किल है। मार्ग खोले जाने के लिए उन्होंने आपदा प्रबंधन सचिव को पत्र भेजकर भूगर्भ वैज्ञानिकों की टीम यहां भेजने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यमुनोत्री की यात्रा थमी नहीं है। यात्रा सुचारु रूप से वैकल्पिक पैदल मार्ग से जारी है। इस बीच 620 यात्री यमुनोत्री धाम की यात्रा पर गए हैं, जबकि 1313 यात्रियों को ट्रांस्मेंट व्यवस्था के तहत गाड़ियों व घोड़े खच्चरों के जरिये तहसील मुख्यालय बड़कोट तक पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया कि जिस जगह पर भूस्खलन हो रहा है, वहां ड्रिल, पोकलैंड और जेसीबी मशीनें हैं। कई विभागों के कर्मचारी और अधिकारी तैनात किए गए हैं। जानकीचट्टी से स्यानाचट्टी के बीच करीब 80 लोग अपनी गाड़ियों में स्वेच्छा के साथ ठहरे थे, जो अब वहां से आना चाहते हैं उन्हें शाम तक वैकल्पिक रास्ते से निकाल दिया जाएगा। रास्ते में चिकित्सा व्यवस्था के साथ खाने पीने और रहने की पूरी व्यवस्थाएं की गई हैं। साथ में अब पैसे निकालने के लिए मोबाइल बैकिंग की भी सुविधा की जा रही है। यात्रियों के साथ स्थानीय लोगों का भी ध्यान रखा जा रहा है। करीब 14 गांव की 13 ऐसी गर्भवती महिलाओं को चिन्हित किया गया है। जिनकी डिलिवरी डेट नजदीक है। उन्हें बड़कोट अस्पताल में लाने की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। साथ ही बीमार ग्रामीणों से भी बड़कोट आने के लिए कहा गया है। ग्रामीणों के पास भी पूरा खाद्यान उपलब्ध है। भूस्खलन के कारण ओजरी के ग्रामीणों को जो नुकसान हुआ है। उसके लिए मुआवजा देने के लिए एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। डीएम ने बताया कि अभी तक मार्ग के बीच में फंसे हुए सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया जा चुका है। यमुनोत्रीधाम की यात्रा पर जाने के लिए तीन किमी के पैदल वैकल्पिक पैदल मार्ग के लिए डंडी कंडी और घोड़े खच्चरों की व्यवस्था की गई है। जिसके लिए बकायदा रेट तय किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग कब तक खुलेगा इस पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। लेकिन इस बीच अगर भू्स्खलन रुकता है तो वहां तैनात कर्मचारी 5 घंटे के अंदर राजमार्ग को खोल देंगे। लेकिन फिलहाल भूस्खलन लगातार जारी है।