कैसे बच गये एसडीएम

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विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण शंकर राज की कोर्ट ने कृषि भूमि को अकृषि करने के एवज में 22 हजार रिश्वत लेने के दोषी एसडीएम के पेशकार को सात साल कैद व 30 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है। इस मामले में शासन द्वारा अनुमति नहीं देने की वजह से विजिलेंस एसडीएम के खिलाफ अभियोग नहीं चला सका।

24  मई 2012 को जिले के कोशयां कुटोलि तहसील के एसडीएम के पेशकार नरेंद्र दीक्षित के खिलाफ क्षेत्र के ही ललित मोहन सुयाल ने विजिलेंस में शिकायत दर्ज कराई थी। विजिलेंस ने मामला प्रारंभिक जांच में सही पाया तो एसडीएम के पेशकार को 22 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। अदालत में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद ट्रायल शुरू हुआ।

संयुक्त निदेशक विधि सोहन चंद्र पांडेय द्वारा आरोप साबित करने को सात गवाह पेश किए गये। इसमें तत्कालीन डीएम शैलेश बगौली शामिल थे। बीते रोज कोर्ट ने पेशकार को भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी करार दिया था। आज कोर्ट ने सजा सुनाई। धारा सात में 5 साल कारावास व 10 हजार जुर्माना और धारा 13(2)में सात साल जुर्माना व 20 हजार जुर्माने की सजा सुनाई।