रुद्रपुर- एनएच 74 पर हुए मुआवजा घोटाले की जांच में एसआईटी के सामने कई मुश्किले खडी हो रही है, मामला राजस्व विभाग से जुडे होने के कारण एसआईटी को बारीकी से जांच में दिक्कते आ रही है, जिसके लिए अब डीएम की मदद से क्षेत्र के एसडीएम का सहारा लेकर जांच को आगे बढाया जाएगा, वहीं जिस क्षेत्र की जांच होगी वहां के एसडीएम और तहसीलदार जांच में मदद करेंगे, कुल मिलाकर अब जांच में राजस्व कर्मियों का सहारा लेकर जांच की जाएगी।
एनएच-74 घोटाले में राजस्व मामलों की पेचीदगी ने एसआइटी को घुमा कर रख दिया है। इसमें एसआइटी बुरी तरह से उलझ कर रह गई है। एनएच- 74 भूमि अधिग्रहण मुआवजा घोटाले की जांच एसआइटी द्वारा की जा रही है। एसआइटी ने मुआवजा वितरण संबंधित जानकारी जुटाने के साथ ही चिन्हित किए गए लोगों के बयान भी दर्ज कर लिए हैं। जांच के दौरान सामने आई पेचीदगी ने एसआइटी के काम की रफ्तार को थाम लिया है। राजस्व संबंधित मामलों में एसआइटी का हाथ तंग होने के कारण जांच में दिक्कतें लगातार सामने आ रही थी। भू-प्रयोग परिवर्तन के साथ ही खतौनी और खसरे के तालमेल सहित भूमि की सही स्थिति को लेकर कई प्रकार की दिक्कतों का सामना एसआइटी को करना पड़ रहा था। जिसके चलते एसएसपी सदानंद दाते ने जिलाधिकारी से इस संबंध में सहयोग के लिए लिखा था। एसएसपी की पहल पर डीएम नीरज खैरवाल ने एसडीएम किच्छा एनसी दुर्गापाल को एसआइटी के सामने आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए अपना सहयोग देने के लिए नामित कर दिया है। इसके साथ ही एसआइटी जांच के दौरान स्थलीय निरीक्षण से लेकर रिकार्ड को लेकर संबंधित तहसील के एसडीएम व तहसीलदार को सहयोग के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जिसके चलते आने वाले दिनों में एसआइटी की राह आसान होने के संकेत दिखाई दे रहे हैं। एसडीएम किच्छा के सहयोग से एसआइटी व्यवहारिक दिक्कतों को दूर कर जांच को गति प्रदान करेगी।
वहीं एसएसपी सदानन्द दाते ने बताया कि एसआइटी के सहयोग के लिए एसडीएम किच्छा को नामित किया गया है। उनके सहयोग से एसआइटी जांच को और गति देने का प्रयास करेगी। जिससे मुआवजा घोटाले के दोषी सामने लाए जा सके।