उत्तराखंड : आपदा की घड़ी में एसडीआरएफ ने पेश की मिसाल, साहस और समर्पण की सराहना

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    एसडीआरएफ

    एसडीआरएफ सेनानायक मणिकांत मिश्रा ने एसडीआरएफ वाहिनी जॉलीग्रांट में शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यभर में स्थित एसडीआरएफ की टीमों के साथ सम्मेलन का आयोजन किया। इसमें आपदा राहत कार्य में एसडीआरएफ के साहस और समर्पण की सराहना की गई।

    सेनानायक मणिकांत मिश्रा ने कहा कि गत 31 जुलाई को केदारनाथ और घनसाली क्षेत्र में आई आपदा में एसडीआरएफ के जवानों ने कठिन परिस्थितियों में अद्वितीय साहस और समर्पण का प्रदर्शन करते हुए आठ से अधिक श्रद्धालुओं को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया। उनके त्वरित और प्रभावी राहत कार्यों ने हजारों जिंदगियां बचाई हैं। कांवड़ मेले में 165 से अधिक कांवड़ियों की जान बचाकर एसडीआरएफ जवानों ने एक मिसाल पेश की है। उधमसिंहनगर और चंपावत में जलभराव में फंसे 600 से अधिक लोगों को एसडीआरएफ ने राफ्ट के माध्यम से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है।

    पदक प्राप्त अधिकारियों—कर्मचारियों को दी बधाई

    सेनानायक ने उप सेनानायक विजेंद्र दत्त डोभाल को सराहनीय सेवा के लिए मुख्यमंत्री द्वारा मिले पदक, निरीक्षक हरक सिंह राणा को राष्ट्रपति द्वारा प्रदत्त पदक और निरीक्षक जगदंबा प्रसाद, निरीक्षक कविंद्र सजवाण और आरक्षी विपिन आर्य, मातबर सिंह व देवेंद्र सिंह को डीजीपी अभिनव कुमार द्वारा प्रदान किए गए सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।

    सुरक्षा और सतर्कता, 24 घंटे अलर्ट

    सेनानायक ने मौसम और आपदा की संभावनाओं के दृष्टिगत एसडीआरएफ की सभी पोस्टों पर तैनात जवानों को 24 घंटे अलर्ट रहने एवं केदारनाथ यात्रा मार्ग पर सर्च ऑपरेशन जारी रखने के निर्देश दिए। साथ ही रेस्क्यू कार्यों में ड्रोन का भी प्रयोग करने पर जोर दिया है। सम्मेलन के दौरान उप सेनानायक विजेंद्र दत्त डोभाल, सहायक सेनानायक मिथिलेश कुमार, श्यामदत्त नौटियाल आदि उपस्थित थे।