हरिद्वार, लक्सर तहसील में बने आपदा कंट्रोल रूम में सूचना आई कि गंगा नदी उफान पर आ गई है और बाढ़ में तीन लोग फंसे हुए हैं। सूचना मिलते ही लक्सर उपजिलाधिकारी, सीओ पुलिस प्रशासन की टीम के साथ माडाबेला के घाट पर पहुंच गए और एसडीआरएफ की मदद से गंगा नदी में डूब रहे तीन लोगों को सकुशल बचा लिया।
लक्सर क्षेत्र एक बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र है। हर वर्ष बरसात के दिनों में पहाड़ों में वर्षा होने के कारण गंगा नदी उफान पर आ जाती है। जिसके चलते लक्सर व ग्रामीण क्षेत्रों मे बाढ़ आ जाती है और लोगों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। ऐसे में आपदा से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा मॉक ड्रिल की गई। लक्सर तहसील में बने आपदा कक्ष के वायरलेस सेट पर सूचना फ्लैश हुई कि गंगा नदी उफान पर आ गई है। गंगा नदी की धारा में तीन लोग फंसे हुए हैं। सूचना मिलते ही लक्सर उपजिलाधिकारी सोहन सिंह, लक्सर सीओ राजन सिह व एसीएमओ डॉ. अनिल वर्मा पुलिस प्रशासन की टीम के साथ क्षेत्र के माडाबेला गांव के गंगा घाट पर पहुंच गये। तब तक पुलिस और एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच चुकी थी। इसके बाद जल पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने गंगा में डूब रहे तीन लोगों को कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया। जिन्हें 108 एंबुलेंस की मदद से प्राथमिक उपचार के लिए खानपुर सीएचसी भेजा गया, यह बरसात से पहले आने वाली बाढ़ की मॉक ड्रिल थी।
लक्सर उपजिलाधिकारी सोहन सिंह ने बताया कि, “जनपद हरिद्वार का लक्सर क्षेत्र आपदा की दृष्टि से संवेदनशील है। लिहाजा, खानपुर के माडाबेला में मॉक ड्रिल किया गया। ताकि सभी विभाग इसमें तत्परता से काम कर सकें और आपदा से संबंधित जो चुनौतियां हैं उनसे निपट सकें।मॉक ड्रिल में तहसील के सभी अधिकारी व कर्मचारी खाद्य आपूर्ति विभाग, स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ, टीम जल पुलिस और सीआईएसएफ ने हिस्सा लिया।”