श्मशान से लेकर घर तक मानव धर्म निभा रही एसडीआरएफ

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एसडीआरएफ
उत्तराखंड की देवदूत कहे जाने वाली आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) की टीम कोरोनाकाल के संकट के इन दिनों मानवता धर्म निभाने के लिए घर से लेकर श्मशान तक अपना फर्ज अदा कर रही है। टीम अनजाने व बेगाने लोगों की पार्थिव देह को अस्पताल से अपने हाथों से उठाकर अंतिम संस्कार के साथ उनकी मुक्ति का काम कर मानवता की मिसाल कायम कर रही है।
संक्रमण के खौफ के बीच एसडीआरएफ अपने कार्य को बखूबी अंजाम दने के लिए मैदान में पूरे जोश के साथ उतरी है। श्मशान घाट में जलती आग के बीच पीपीई किट पहनकर कोविड से मृत हुए लोगों का अंतिम संस्कार के कार्य को करना चुनौतियों से भरा है।
टीम यहीं तक सीमित नही है। जवान उच्च मनोबल के साथ आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों के लिए होम टू होम किट वितरण,आइसोलेशन ड्यूटी,दाह संस्कार कर्तव्य निभा रही है। साथ ही सेनेटाइजेशन ओर जागरुकता अभियान को पूर्व की भांति संभाले हुए है। अभी तक सैकड़ों जरूरतमंद लोगों तक मेडिकल किट पहुंचाया गया है। मेडिकल किट में टेबलेट एवमं उपयोग निर्देशिका उपलब्ध है।
एसडीआरएफ की ओर से कोविड संक्रमित से मृत शवों के दाह संस्कार के लिए टीमें गठित की गई है। रिद्धिम अग्रवाल उपमहानिरीक्षक एसडीआरएफ, के दिशा निर्देशन और नवनीत भुल्लर सेनानायक एसडीआरएफ के नेतृत्व में टीम अपना काम कर रही है। दाह संस्कार में भारत सकरार की मानक संचालन पक्रिया (एसओपी) के नियमों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। टीम के सदस्य पूर्ण सुरक्षा उपकरण यथा दस्ताने, ग्लब्स दस्ताने पीपीई किट को धारण करने के पश्चात ही चिह्नित श्मशान घाटों में शवों का दाह संस्कार के कार्य को कर रहे हैं।
कुमाऊं परिक्षेत्र में इंस्पेक्टर गजेंद्र परवाल जबकि गढ़वाल परिक्षेत्र में इंस्पेक्टर जगदम्बा बिजल्वाण के नेतृत्व में जनपद वार टीमें बनी है। उत्तराखंड आने वाले नागरिकों को एवं  अन्य जरूरतमंदों को जानकारी मुहैया कराने के लिए एसडीआरएफ, उत्तराखंड पुलिस, सोशल मीडिया के माध्यम लगातार पंजीकरण कैसे करें, होम आइसोलेशन में कैसे रहे, संक्रमित होने पर क्या करें जैसे अनेक बिंदुओं की जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की सहायता से भेज रही है।
कोरोना संक्रमण फैलाव को रोकने ​के लिए एसडीआरएफ द्वारा कंट्रोल रूम में अनेक टेबल टीमो का गठन भी किया है। सभी संक्रमितों और पंजिकृत नागरिकों से  बात कर सम्पर्क में आए व्यक्तियों की सूची भी तैयार किया जा रहा है। साथ ही होम आइसोलेशन हुए लोगों से सहायता के लिए सम्पर्क स्थापित कर उन्हें मदद पहुंचाया जा रहा है।