एसडीआरएफ की टीम ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए कोलतार में लिपटे एक गाय के बछड़े की मदद की। शिवनंदी के पास एक बछड़ा कोलतार से सना हुआ था, जिससे वह हिल-डुल भी नहीं पा रहा था। ऐसे में टीम की ओर से उसके शरीर से कोलतार को हटाया गया, जिसके बाद बछड़ा हिलने-डुलने लगा। टीम की इस पहल का स्थानीय लोगों ने स्वागत करते हुए प्रशंसा जताई।
बुधवार को एसडीआरएफ की टीम निरीक्षक अनिरुद्ध भण्डारी के नेतृत्व में सर्च रेस्क्यू अभ्यास के लिए क्षेत्र भ्रमण पर निकली। इस दौरान बद्रीनाथ हाइवे के शिवानन्दी के पास एसडीआरएफ टीम ने देखा कि एक गोवंश (बछड़ा) सड़क किनारे असहाय स्थिति में लेटा है। उसके पास जाने पर मालूम हुआ कि यह कहीं सड़क पर किये जा रहे कोलतार युक्त डामर में गिर गया है। उसका पूरा शरीर कोलतार (डामर) से सना हुआ है। एसडीआरएफ टीम ने बछड़े के शरीर से कोलतार निकालने का प्रयास किया, जो कि बछड़े के लिए भी पीड़ादायक साबित हो रहा था।
ऐसे में उन्होंने निकटवर्ती स्थानीय बाजार से थिनर (कोलतार को हटाने में सहायक द्रव) की व्यवस्था करते हुए बछड़े के शरीर से कोलतार को पूरी तरह हटाया। इसके बाद आसपास पड़े पुराने कपड़े और नजदीकी पानी के स्त्रोत के साफ पानी से बछड़े के पूरे शरीर को साफ किया। इस पूरी प्रक्रिया में तकरीबन एक से डेढ़ घंटे का समय लगा। शरीर से कोलतार हट जाने से वह पूरी तरह से चलने -फिरने मे समर्थ हो गया। एसडीआरएफ टीम ने उसे निकटवर्ती घास वाले क्षेत्र में छोड़ा। साथ ही यह भी अवलोकन किया कि वह घास खाने में असमर्थ तो नहीं। काफी देर तक दूर से देखे जाने पर पाया कि बछड़ा अब घास चरने लगा है। इस दौरान पुलिस उपाधीक्षक स्वप्निल मुयाल सहित एसडीआरएफ के जवान मौजूद थे।