बदरीनाथ यात्रा के पैदल मार्ग को खोजने में जुटी एसडीआरएफ

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गोपेश्वर,  बदरीनाथ यात्रा के पैदल मार्गों को खोजने के लिये राज्य आपदा मोचन बल ( एसडीआरएफ ) की 11 सदस्यीय टीम  चमोली, मठ, छिनका, दुर्गापुर से छोटी काशी हाट होते हुये पीपलकोटी और रात्रि विश्राम को गरूड गंगा पहुंच गई है। टीम ऋषिकेश से बदरीनाथ धाम तक के पैदल मार्ग को खोज रही है जिससे वहां क्षेत्र में साहसिक पर्यटन को बढवा मिलेगा वहीं आपदा के समय में खोज एंव बचाव कार्य भी सुगमता से किया जा सकेगा।

एसडीआरएफ की टीम ने 20 अप्रैल को ऋषिकेश के लक्ष्मणझूला से अपनी यात्रा शुरु की। टीम अभी तक 220 किमी की दूरी तय कर चुकी है। टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर संजय उप्रेती कर रहे हैं। जबकि टीम में कांस्टेबल दीपक नेगी, राजेश कुमार, लक्ष्मण बिष्ट, महेश चंद्र, रेखा आर्य, प्रीति मल, संजय चैहान, मुकेश, अंकित पाल, नबाब अंसारी सहित कुल 11 सदस्य शामिल है।

उल्लेखनीय है कि पौराणिक काल में तीर्थयात्री इन पैदल मार्गों से ही बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा करते थे। लेकिन सडक सुविधा के विकास के बाद यह मार्ग पूर्णरुप से बंद हो गये थे। लेकिन अब एसडीआरएफ ने इन मार्गों को खोजने की मुहीम शुरु की है जिससे साहसिक पर्यटन को लेकर क्षेत्र में कार्य कर रहे चेंज आफ हिमालय के प्रबंधक विमल मलासी व सुनील कोटियाल ने कहा की एसडीआरएफ की इस मुहिम से जहां आपदा के समय राहत एवं बचाव कार्य में तेजी आएगी वहीं क्षेत्र में साहसिक र्यटकों की आमद में भी इजाफा होगा।

क्या कहते है अधिकारी
बदरीनाथ धाम के पैदल मार्ग को खोजने के लिये जहां ट्रैकिंग के उपयोगी उपकरण हमारे पास उपलब्ध हैं, वहीं पौराणिक मानचित्र पुस्तकों और जीपीएस तकनीक का भी उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही स्थानीय ग्रामीणों से भी पैदल मार्गों की जानकारी जुटाई जा रही है।