एसडीआरएफ के जवान ने पहचाना बिहार के युवक का दर्द  ​

0
504
देहरादून, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में आई आपदा में कई लोग अपनों से तो बिछड़ गए, लेकिन आपदा की वजह से एक युवक 13 साल बाद अपनों से मिल पाएगा। उत्तरकाशी आपदा के दौरान एसडीआरएफ के जवान कुलदीप सिंह को बिहार निवासी एक ऐसा युवक मिला जिसे अपना घर तक पता नहीं था, उसके अपने अब मिलने वाले है।
उल्लेखनीय है कि आपदा के दौरान एसडीआरएफ टीम हिमाचल सीमांत गाँव किरानू आराकोट में रेस्कयू कार्य कर रही थी, तभी 21 अगस्त को एसडीआरएफ जवान कुलदीप सिंह के सम्पर्क एक युवक आया। जो देख रहा था कि आपदा से पीड़ित प्रत्येक ग्रामीण इन्हें अपनी समस्या बता रहा है, और उनका निदान्त करने की हर सम्भव कोशिश की जा रही है। युवक शीवाजन को उम्मीद नजर आयी। युवक के आंखों में आंसू थे, मन मे आशाएं और जुवां में था मुझे अपने घर  जाना है लेकिन कहाँ ज्ञात नहीं।
कुलदीप ने जब विस्तृत जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि आज से 13 वर्ष पूर्व वह युवक अपने इलाके के कुछ मजदूरों के साथ यहां आया था, ओर सेब की पेकिंग का काम करता था। एक दिन मजदूरों का मालिक से झगड़ा हो गया और वह नौ वर्ष के बच्चे को छोड़ रात को गाँव से चले गए। युवक को अब अपने गांव पिता का नाम कुछ भी स्पष्ट याद नही था। उसे इतना पता था की घर के पास ही बड़े बड़े हवाई जहाज उड़ा करते थे।
सम्भावनाओं के पथ पर कुलदीप सिंह ने बिहार के बड़े-बड़े एयरपोर्ट के नजदीकी गावों को इंटरनेट मेप पर खोजना शुरू किया, ओर मेहनत रंग लाई। सफलता का रास्ता मेहनत की पगडंडियों से गुजरा ओर युवक के बताए गाँव की तरह बतरजी की तरह ही बडेजी गांव गया एयरपोर्ट के करीब दिखाई दिया। कुलदीप के द्वारा निकटवर्ती पुलिस थाने मगध मेडिकल में सम्पूर्ण वित्तान्त सुनाकर सहायता चाही किन्तु टालमटोल के बाद यह क्षेत्र अन्य पुलिस थाने की होने की बात कह टाल दी गयी। कुलदीप के द्वारा मुफासिल थाने में भी सम्पर्क किया किन्तु कोई संतोषजनक उत्तर प्राप्त नहीं हुआ। जिस पर एसडीआरएफ जवान के द्वारा गया एसपी सिटी को कॉल कर घटना से अवगत कराया।
मेहनत का सार अंकुर फूटा और युवक शिवाजन के परिवार की जानकारी प्राप्त हो गयी। युवक की अपने परिवार से फोन पर बातें भी हुई है। 13 साल के बनवास के बाद अपने परिवार से मिलने की खुशी में युवक एसडीआरएफ उत्तराखण्ड पुलिस को लाखों दुवाओं से नवाज रहा है। वहीँ युवक की मां फूलादेवी भडेजी जनपद गया बिहार से अपने बेटे से मिलने को आतुर है और देहरादून बेटे रोहित मांजी के साथ आ रही है। एसडीआरएफ ने यह पूरा मामला फोटो के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया है।