उत्तराखंड : मौसम की बेरुखी के चलते चमोली में लापता पर्वतारोहियों का रेस्क्यू आपरेशन बाधित

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    पर्वतारोही

    त्रिशूल पर्वत पर फतह के लिए गए पर्वतारोहियों के दल की शनिवार को पूरे दिन खोजबीन चलती रही, लेकिन दिन भर बदलता मौसम पर्वतारोहियों की खोज और बचाव अभियान में बाधक बनता रहा। हालांकि नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के प्रधानाचार्य ने घटनास्थल पर कुछ लोगों के दिखाई देने की बात कही है। परन्तु अभी तक किसी को रेस्क्यू नहीं किया जा सका है।

    उल्लेखनीय है कि शुक्रवार तड़के त्रिशूल फतह को गई नौ सेना की पर्वतारोही टीम आधार शिविर से कुछ आगे हिमस्खलन के फंस गई थी। हालांकि अभी तक हिमस्खलन में फंसे लोगों का कोई पता नहीं लग सका है। इस बीच शनिवार को निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट के नेतृत्व में सेना के जवानों की टीम प्रभावित क्षेत्र में खोजबीन जुटी रही। किन्तु टीम को मौसम की बाधा के चलते कोई सफलता नहीं मिली।

    बताया जा रहा है कि रेस्क्यू टीम को चार लोग दिखाई तो दिए, किन्तु वे कोई हलचल करते नहीं दिखाई दिये। जबकि हिमस्खलन में फंसे छह लोगों के बारे में अभी तक कोई पता नहीं चल सका है। इसके अलावा सुतोल गांव से पोर्टर के रूप में दल के साथ गये दो युवकों के बारे में भी कोई सुराग नहीं लग सका है। इस कारण सुतोल गांव में बेचैनी का माहौल है। बताया जा रहा है कि घाट ब्लॉक के सुतोल गांव सेना की रेस्क्यू टीम घटनास्थल को चली गई है। हालांकि अभी रेस्क्यू टीम के मौके पर पहुंचने की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

    इस बीच गुलमर्ग से हाई एल्टीट्यूट वार फेयर टीम भी घटना स्थल को रवाना हुई है। चमोली प्रशासन की ओर से हेलीकाप्टर, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को अलर्ट पर रखा गया है। शनिवार को त्रिशूल पर्वत क्षेत्र में गया वायु सेना का हेलीकाप्टर भी जोशीमठ वापस लौट आया है। माना जा रहा है कि खराब मौसम के चलते ही हेलीकाप्टर की वापसी हुई है।

    नौसेना के प्रवक्ता विवेक मधवाल के अनुसार कई एजेंसियां पर्वतारोहियों की खोज और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। ये टीमें जमीन और आसमान से खोज कर रही हैं। इसके लिए हेलीकाप्टर लगाए गए हैं।