महाकुंभ की तैयारियों को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने आठ फरवरी को अहम बैठक बुलाई है जिसमें सभी 13 अखाड़ों के प्रमुख संत शिरकत करेंगे। इस दौरान कुंभ मेले की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी और बैठक में पास प्रस्तावों को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात भी करेंगे। यह जानकारी मंगलवार को अखाड़ा परिषद के महामंत्री ने दी।
महाकुंभ की धीमी तैयारियों से खफा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने आगामी 8 फरवरी को कनखल स्थित निर्मल अखाड़ा में अखाड़ा परिषद की बैठक बुलाई है। इसमें सभी अखाड़ों के प्रमुख संत शिरकत कर महाकुंभ मेले की तैयारियों की समीक्षा करेंगे और बैठक में पास किए गए प्रस्तावों को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात भी करेंगे।
अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरिगिरि ने एक बार फिर महाकुंभ की धीमी तैयारियों पर कड़ी नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार से मंशा साफ करने की बात कही है। महामंत्री ने कहाकि अगर सरकार प्रयागराज की तर्ज पर हरिद्वार महाकुंभ को सफल बनाना चाहती है तो उसके लिए अभूतपूर्व प्रयास करने होंगे। क्योंकि अब केवल साल भर से कम ही समय बचा है। अखाड़ा परिषद की बैठक में शिरकत करने के लिए देश भर से सभी अखाड़ों के संत प्रतिनिधि हरिद्वार पहुंचना शुरू हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि कुंभ के लिए हो रहे सभी कार्यों की गति बहुत ही धीमी है। इसके लिए वे कई बार मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं और इस समस्या को कई बार मुख्यमंत्री के संज्ञान में ला चुके हैं, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। अंत में सरकार कम समय का रोना रोएगी, अभी समय है यदि समय का सदुपयोग नहीं किया गया तो महाकुंभ मेला केवल मेला ही रह जाएगा। राज्य सरकार का महाकुंभ को भव्य बनाने का देखा गया सपना अधूरा ही रह जाएगा।
समय से पूर्ण कर लिए जाएंगे महाकुंभ कार्य : हरबीर सिंह
वहीं, भूपतवाला स्थित शिवगंगा धाम सेवाश्रम पहुंचे अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह ने कहा कि सतों और श्रद्धालुओं की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए सभी मेला कार्य समय से पूर्ण कर लिये जायेंगे। मेला क्षेत्र से अतिक्रमण जल्द ही हटाया जायेगा। अखाड़ों की छावनियां जिन मार्गों से निकलेंगी उन्हें भी पूरी तरह दुरुस्त किया जायेगा। प्रयागराज की तर्ज पर सभी सुविधांए संतों को प्रदान की जायेंगी।