बाल भिक्षावृत्ति रोकने को करें गंभीर प्रयास: डीएम 

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देहरादून, भिक्षावृत्ति में सलंग्न बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए गम्भीरता से प्रयास करें और इसके लिए लोगों को भी बच्चों को किसी भी प्रकार की भीख ना देने के लिए जागरूक करें।
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कैम्प कार्यालय में जिला बाल कल्याण समिति की समीक्षा बैठक में यह बातें कहीं। उन्होंने गत तीन माह में बच्चों के संरक्षण से सम्बन्धित प्राप्त हुए विभिन्न प्रकरणों की समीक्षा की। जिलाधिकारी ने कहा कि आमजन को बताएं कि बच्चों को भिक्षा देना कानूनी जुर्म है और बाल अपराध को रोकने में सहायता करें।
उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर साईनबोर्ड लगवाने और सिनेमाघरों में इससे सम्बन्धित सूचना प्रसारित करने के लिए लघु फिल्म/स्लाईड चलवाने के जिला बाल कल्याण समिति को निर्देश दिये। साथ ही बालश्रम को रोकने के लिए अथक प्रयास करने और पारिवारिक रिश्तों से सम्बन्धित बालश्रम के मामलों में विशेष सावधानी बरतते हुए उसकी विभिन्न पहलुओं से जांच करते हुए वास्तविकता सामने लाने की बात कही।
जिलाधिकारी ने एक सरकारी कार्मिक के घर से पूर्व में रेस्क्यू किये गये बच्चें के सम्बन्ध में निर्देशित किया कि इस प्रकरण की विभिन्न पहलुओं से निष्पक्ष जांच करें और बैंक स्टेटमेन्ट के विवरण को भी आधार बनाते हुए वस्तुस्थिति को स्पष्ट करें।
जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट ने जिलाधिकारी के सम्मुख विवरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि तीन माह में दो प्रकरण पोक्सो अधिनियम, 10 भिक्षावृत्ति, 32 मामले गुमशुदा सहित अन्य प्रकरणों के बच्चों से सम्बन्धित कुल 44 मामले सामने आये।
भिक्षावृत्ति करने वाले रेस्क्यू किये गये 10 बच्चों को ओपेन शेल्टर में लाया गया उनकी व्यवस्था करते हुए मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है।