(नरेन्द्रनगर) धरती का बैकुंठ धाम कहे जाने वाले बदरीनाथ भगवान के अभिषेक के लिए नरेंद्रनगर राजमहल में टिहरी सांसद राज्य लक्ष्मी शाह की अगुवाई में नगर की सुहागिन महिलाओं ने पीले वस्त्र धारण कर भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के लिए तिलों का तेल पिरोया। राजपुरोहित ने भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के साथ तेले पिरोने के कार्य का शुभारंभ किया।
सुहागिन महिलाओं ने पीले वस्त्र धारण कर पिरोया तेल
पूजा-अर्चना के साथ शुरू हुआ तेल पिरोने का कार्य
गुरुवार को राजपुरोहित संपूर्णानंद जोशी, आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल व पंडित हेतराम थपलियाल ने विधि-विधान पूर्वक भगवान गणेश और भगवान बदरीनाथ के पूजन साथ तेल पिरोने के कार्य का शुभारंभ करवाया। इस दौरान राजमहल ढोल-दमाऊ की थाप से गुंजायमान हो उठा। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पूजा-अर्चना से लेकर तेल पिरोते वक़्त सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखा गया। सदियों पुरानी इस परंपरा को विधि- विधान पूर्वक निभाया गया।
तेल पिरोते वक्त सुहागिन महिलाएं ने पीला वस्त्र धारण किए हुए थे, और पीले ही वस्त्र से चेहरा ढंक कर तेल पिरोने का कार्य किया। लॉकडाउन के चलते भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के लिए तेल पिरोने का कार्य बहुत सादगी से किया गया। पूर्व के वर्षों में तेले पिरोने के विशेष दिन पर राजमहल को बाहर से लेकर अंदर तक फूलों से सुसज्जित किया जाता था लेकिन इस वर्ष राजमहल के बाहरी दिवारों पर कहीं भी फूलों की सजावट नहीं की गई थी।
राजमहल से गाडू घड़ा यात्रा रवाना
तिलों का तेल पिरोने के बाद गुरुवार सायं को तेल कलश को लेकर श्री बदरीनाथ डिमरी धार्मिक पंचायत पदाधिकारी सामाजिक दूरी का पालन करते हुए बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हुए। इस बार श्री बदरीनाथ डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत से पांच प्रतिनिधि ही गाडू घड़ा (तेल कलश) यात्रा लेने नरेन्द्रनगर पहुंचे। इनमें डिमरी धार्मिक केंद्र पंचायत के महासचिव राजेंद्र डिमरी, सचिव दिनेश डिमरी वरिष्ठ सदस्य अधिवक्ता अनुज, केंद्रीय पंचायत के सदस्य टीका प्रसाद डिमरी सहित कुल पांच लोग व्यक्ति गाडू घड़ा तेल लेकर राजमहल से मंगलवार को रवाना हुए।18 मई तड़के चार बजकर 15 मिनट शुभ मुहर्त पर बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनों को खुल जाएंगे।