नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों को राहत प्रदान करते हुए 7000 करोड़ रूपए की सहायता राशि का ऐलान किया है। इसके तहत 5.50 रूपए प्रति कुंतल की दर से किसानों को सब्सिडी प्रदान की जाएगी। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण प्रणाली मंत्री रामविलास पासवान ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह रकम मिल मालिक के खाते में दी जाएगी। जिन किसानों का गन्ना का पैसा बकाया है उनको यह सब्सिडी की राशि मिल मालिक के खाते से किसान के खाते में हस्तांतरित की जाएगी।
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की केंद्रीय मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में गन्ना किसानों के लिए 7000 करोड़ रूपए की अतिरिक्त सहायता राशि प्रदान करने पर सहमति बनी। आर्थिक मामलों की केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उक्त फैसले की जानकारी देते हुए श्री पासवान ने कहा कि इस योजना के तहत गन्ना किसानों को तिमाही आधार पर उनके खातों में बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा। यह भुगतान मिल मालिकों की ओर से उनके बकाया राशि के आधार पर तय होगा, जो सीधे किसानों के खाते में दिया जाएगा।
श्री पासवान ने कहा कि अगले एक साल के लिए 30 लाख टन चीनी के बफर स्टॉक की सीमा तय की गई है, इसके लिए 1175 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। गन्ना मूल्य और चीनी निर्माण की लागत को बाजार मूल्य के आधार पर तय करते हुए कैबिनेट ने फिलहालचीनी की न्यूनतम मूल्य 29 रूपए प्रति किलो तय किया है, जो मांग और आपूर्ति के आधार पर समय समय पर बदला जाएगा।