केदारनाथ धाम में जबरदस्त ठंड का प्रकोप देखने को मिल रहा है। धाम का तापमान माइनस डिग्री में पहुंच रहा है। इस कारण सबसे ज्यादा समस्या हार्ट के मरीजों को हो रही है। इन मरीजों को धाम में अत्यधिक ठंड का सामना करना पड़ रहा है, जिससे समय रहते इलाज नहीं मिलने से उनकी मौत भी हो रही है। नौ दिनों की केदारनाथ केदारनाथ यात्रा में 8 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है।
केदारनाथ धाम में लगातार मौसम बिगड़ रहा है इस कारण जो तीर्थयात्री केदारनाथ धाम पहुंचे हैं, उन्हें नीचे लाने में पुलिस, एसडीआरएफ, यात्रा मैनेजमेंट और पीआरडी के जवानों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। पैदल मार्ग के लिनचोली से केदारनाथ के बीच 15 से 20 फीट तक के ग्लेशियर बने हुए हैं। इन ग्लेशियरों से होकर तीर्थयात्री निकल रहे हैं। ऐसे में इन ग्लेशियरों पर जवानों को तैनात किया गया है। ये जवान तीर्थयात्रियों को ग्लेशियरों से सुरक्षित निकाल रहे हैं।
केदारनाथ धाम में लगातार हो रही बर्फबारी के कारण दो सौ से ज्यादा टेंट क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनमें स्थानीय लोगों के साथ ही गढ़वाल मंडल विकास निगम के टेंट शामिल हैं। स्थानीय लोग किसी तरह से छह माह तक केदारनाथ यात्रा पड़ाव के लिनचोली, बेस कैंप, रुद्रा प्वाइंट में टेंट लगाकर अपनी रोजी-रोटी का गुजारा करते हैं, लेकिन इस बार मौसम की ऐसी मार पड़ी है कि उन्हें बहुत परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है।
धाम में स्थानीय लोगों ने छोटे और बड़े टेंटों को लगाया है, जिनमें बड़े टेंटों में दस लोग रह सकते हैं, जबकि छोटे टेंटों में पांच लोगों की रहने की व्यवस्था की जाती है। ऐसे में बड़ी मात्रा में टेंटों के क्षतिग्रस्त होने से धाम में तीर्थयात्रियों की रहने की व्यवस्था भी गड़बड़ा रही है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार ने बताया कि केदारनाथ धाम में दो से ढाई सौ के करीब टेंट बर्फबारी के कारण क्षतिग्रस्त हुए हैं। धाम में बिजली और पानी की व्यवस्था सही है। धाम में तीर्थयात्रियों की तबीयत बिगड़ने पर यात्रा मैनेजमेंट, पुलिस व एसडीआरएफ के जवान तुरंत रेस्क्यू कर स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लिनचोली से केदारनाथ के बीच बने दो बड़े-बड़े ग्लेशियरों के बीच से श्रद्धालुओं की सुरक्षित आवाजाही करवाई जा रही है