शंकराचार्य की गद्दी व गाडू घड़ा बदरीनाथ के लिए हुआ प्रस्थान

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गोपेश्वर। 30 अप्रैल प्रातः साढे चार बजे भगवान बदरीनाथ के कपाट खुलने है। इसके लिए शनिवार से प्रक्रिया शुरू हो गई है। शनिवार को नृसिंह मंदिर जोशीमठ से आदिगुरू शंकराचार्य की गद्दी व गाडू घडा पूजा अर्चना के साथ बदरीनाथ के लिए रवाना हो गया है। शनिवार को शंकराचार्य की गद्दी व गाडू घडा पांडूकेश्वर मे कुबेर व उद्वव मंदिर में रखे जायेंगे। जहां से रविवार को उद्वव व कुबेर की उत्सव डोली के साथ आगे की यात्रा शुरू होगी।
शनिवार को पूजा अर्चना के साथ नृसिंह मंदिर जोशीमठ के परिसर में शीतकाल में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के समय आयी आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी को बदरीनाथ के लिए प्रस्थान किया गया। इसके साथ ही गाडू घडा भी रवाना हुआ। इस मौके पर सैकडों की तादात में यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना में भाग लेकर यात्रा के सफलता पूर्वक संचालित होने की कामना की। शनिवार को आदिगुरू शंकराचार्य व गाडु घडे को पांडुकेश्वर स्थित कुबेर व उद्धव मंदिर में रखा जायेगा जहां से रविवार को भगवान उद्धव व कुबेर की उत्सव डोली भी आदिगुरू शंकराचार्य व गाडु घडे के साथ बदरीनाथ के लिए प्रस्थान करेगी। इस मौके पर बदरीनाथ के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरीपाद, मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह, धर्माधिकारी भुवन उनियाल समेत अनेक लोग शामिल थे।