देहरादून में पैदा हुई अपराजिता सिंह चिल्का, इन दिनों पुणे में अपने लक्जरी बॉडी एंड बाथ ब्रैंड शास्या के साथ घूम मचा रहीं हैं। देहरादून के दून कैंमब्रिज स्कूल से पढ़ाई करने वाली अपराजिता, मास्टर्स की पढ़ाई करने के बाद शादी कर के पुणे शिफ्ट हो गई।
दस साल वहां रहने के बाद अपराजिता ने अपनी मां से विरासत में मिले कला के तोहफे को बॉडी और बाथ कलेक्शन बनाने में लगाया। अपनी त्वचा का खास ख्याल रखने के लिये शास्या के उत्पाद उम्दा हैं क्योंकि ये सभी प्रोडक्ट हैंडक्राफ्टेड हैं और प्रकृतिक चीजों के इस्तेमाल से बनाये गये हैं।
सतत जीवन को बढ़ावा देने के मकसद से अपराजिता ने रसायन युक्त साबुन, शैम्पू और फेस वॉश से छुटकारा पाने का मन बनाया। इसके लिये अपराजिता ने अपने घर में ही तरह-तरह के प्रयोग कर ऐसे उत्पाद बनाने की कोशिश में। कई प्रयासों के बाद वो आखिरकार ऐसे उत्पाद बनाने में कामयाब रही जो न केवल बनाने में आसान हैं बल्कि त्वचा के लिये भी लाभदायक हैं। वो कहती हैं “हमारे उत्पाद न केवल बाजार में मिलने वाले उत्पादों से सस्ते हैं बल्कि उनसे ज्यादा सौम्य है।“
अपने ससुराल और खासतौर पर अपने पति अमित चिल्का से अपराजिता को खासा समर्थन मिला और इसी साल मई से उन्होने अपने घर में ही एक स्टूडिया बनाकर इन उत्पादों की बिक्री शुरू कर दी। जो काम शुरुआत में अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के बीच शुरू हुआ था, कुछ ही समय में उसने शास्या ब्रैंड का रूप ले लिया। शास्या संस्कृत का शब्द है, जिसका मतलब प्रकृतिक होता है। वो कहती हैं कि “हमारे प्रॉडक्टस के लिये लोगों के बीच खासा उत्साह है। इन दिनों ज्यादा से ज्यादा लोग रसायन युक्त सामान को छोड़कर प्राकृतिक चीजों की तरफ रुख कर रहे हैं।’
आने वाले दिनों में अपराजिता लोगों के बीच जीरो वेस्ट और प्राकृतिक उत्पादों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहती हैं। आगे वो अपनी प्रॉडक्ट लाइन में स्क्रब, टूथपेस्ट और डियोड्रेंट भी जोड़ना चाहती है।
सभी तरह के त्वचा के लिये यहां कुछ न कुछ है। इनमे लेमन, ऐलो वेरा, गुलाब, कॉफी, शिया बटर, चारकोल और उपटन के साबुन हैं। ये सभी 100 ग्राम के साबुन 70-100 रुपये के बीच हैं और सभी पूरी तरह कैमिकल मुक्त है, 100% शाकाहारी, पैराबन, SLS और SLE मुक्त हैं।
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