प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के पुत्र शौर्य डोभाल ने उत्तराखंड बीजेपी के रास्ते राजिनीति में अपनी नई पारी की शुरुआत कर रहे हैं। हल्द्वानी में आयोजित बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शौर्य डोभाल का प्रदेश कार्यकारणी सदस्य के रूप में एंट्री लेना इसकी तस्दीक करता है।
थिंक टैंक इंडिया फाउंडेशन के कर्ताधर्ता शौर्य डोभाल पिछले दिनों विपक्षी दल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के निशाने पर भी आये थे,जब डोभाल की संस्था पर कुछ सौदों को लेकर आरोप लगाए गए थे। इसके पीछे इंडिया फाउंडेशन के कई निदेशकों के केंद्र में मंत्री पद पर होना कारण रहा।
एक हफ्ता पहले गोआ में बीजेपी की थिंक टैंक की मीटिंग राम माधव ने ली थी जिसमे शौर्य डोभाल भी शामिल हुए थे। डोभाल गोआ से सीधे हल्द्वानी पहुंचे और बतौर प्रदेश कार्यसमिति सदस्य के रूप में बैठक में सम्मलित हुए। हांलाकि कुछ खास कारणों के चलते ये खबर स्थानीय मीडिया को बिल्कुल भी नही लगने दी गई और न ही प्रदेश बीजेपी नेताओं ने इसे हाईलाइट किया।
एकाएक शौर्य डोभाल का उत्तराखंड की भाजपा राजनीति में सक्रिय होने के पीछे ये बात मानी जा रही है कि राजनीति में हमेशा हितों को ही साधा जाता है। अटकलों का बाज़ार गर्म है कि डोभाल या तो राज्य सभा या फिर लोक सभा के लिए अपनी ज़मीन तैयार कर रहे हैं। गौरतलब है कि इंडिया फाउंडेशन ने लंबे समय से प्रधान मंत्री मोदी के लिए गुजरात और देश विदेश में एक थिंक टैंक का काम किया है। खुद मौजूदा राष्टीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी इस संस्था के साथ सक्रिय तौर पर जुड़े रहे हैं।
वहीं कांग्रेस ने इस कदम पर बीजेपी को घेरा है और कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि ”वंशवाद के खिलाफ जो बात करते हैं,वहीं लोग यह काम कर रहे हैं,तो यह उन्हें शोभा नहीं देता है।शौर्य डोभाल की जितनी बात सामने आई है वह ठीक नहीं है,जो खाऊंगा और नहीं खाने दूंगा की बातें करते हैं,उनके लिए भी यह ठीक नहीं है।”
बहरहाल इतना तो तय है कि उम्रदराज़ नेताओं को गुडबाय कहती उत्तराखंड बीजेपी में ढोभाल किस तरह अपनी जगह बनाते हैं ये देखना आने वाले दिनों काफी दिलचस्प होगा।