”She Cab” बनायेगी महिलाओं के सफर को आसान और सुरक्षित

0
1575

देहरादून में पिछले 5 सालों से महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने वाला सहेली ट्रस्ट एक ऐसा एनजीओ है जिसने बहुत सी महिलाओं को जिंदगी जीने की वज़ह दी है, ना केवल महिलाओं के लिए बल्कि अनाथ बच्चों के लिए भी सहेली ट्रस्ट पहल कर चुका है।

देहरादून शहर की सड़कों पर अगर आपको गुलाबी ड्रेस में कैब चलाती महिलाएं नज़र आए तो आप चौकिएगा मत क्योंकि हो सकता है आपने ”शी कैब” की किसी महिला ड्राइवर को देखा हो। सहेली ट्रस्ट की एक और नई पहल जिसका नाम है ”शी कैब”, और जैसा कि नाम से पता चलता है यह सुविधा महिलाओं द्वारा औऱ खासतौर पर महिलाओं के लिए कैब की सुविधा देगा। अर्जुन निशा, मधु और ममता पहली तीन महिला ड्राइवर होंगी जिन्हें सहेली ट्रस्ट ने ड्राइविंग के लिए ट्रेनिंग दी है। यह तीनों महिलाएं कैब चलाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और आने वाले समय में आप अपनी सुरक्षा और आराम के लिए शी कैब की बुकिंग करा सकते हैं। गुलाबी जर्सी में कैब चलाती यह महिलाएं समाज में बसी उस सोच को भी पीछे छोड़ रही है जो ड्राइविंग के काम को महिलाओं के लिये नहीं मानती।

शी कैब के बारे में और बात करते हुए सहेली ट्रस्ट की सेक्रेटरी श्रुति कौशिक ने बताया कि ‘‘आने वाले कुछ दिनों में हम शी कैब को पूरी तरह से लॉंच करने वाले हैं ।अबी यह ट्रायल बेसिस पर चल रही है। सहेली ट्रस्ट का उद्देश्य ही है औरत को सशक्त बनाना और पिछले 5 सालों में हमने अलग-अलग माध्यमों से औरतों को स्वतंत्र बनाया है।” श्रुति बताती हैं कि, “2013 में गांव की महिलाओं को हमने हैंडिक्राफ्ट का काम सिखाया था जिससे वह अपना जीवनयापन बेहतर तरीके से कर सकें। उसके बाद सेल्फ हेल्प ग्रुप और अब शी कैब, इन सारी पहल से हम औरतों को और अधिक स्वतंत्र और आत्म निर्भर बना रहे हैं। शी कैब की पहले से समाज में ये संदेश देने की कोशिश भी रहेगी कि महिलाऐं भी मर्दों की तरह कोई भी काम कर के पैसा कमा सकती हैं।” अभी 3 महिलाओं को ड्राइविंग ट्रेनिंग दी गई है और आने वाले समय में अधिक से अधिक महिलाओं को ट्रेनिंग दी जायेगी।

सहेली ट्रस्ट ने अप्रैल 2013 में रजिस्ट्रेशन के साथ ही बहुत सी महिलाओं की तरफ मदद के लिए हाथ बढ़ाया और आज भी यह ट्रस्ट महिलाओं को समर्पित है। ट्रस्ट की सेक्रेटरी श्रुति कौशिक ने देहरादून इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलिजी से ग्रेजुएशन करने के बाद ग्रीन दून नामक संस्था में भी काम किया है जो पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करती है।