(देहरादून) शिव बालयोगी आश्रम में सीलिंग के मामले में सामने आते हुए आश्रम प्रशासन ने मामले में कुछ लोगों के निजि स्वार्थ का हवाला देते हुए कहा है कि उन पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। आश्रम प्रशासन का कहना है कि आश्रम के निचले हिस्से में स्व जनरल हनूत सिंह जी की कोई समाधी नहीं है। उनके निधन के पश्चात पुणे रेजिमेंट के लोगों ने सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार स्थित कनखल घाट पर कर दिया था। जनरल साहब के नाम पर नृपेन्द्र सिंह द्वारा सिर्फ राजनीति की जा रही है।
जनरल हनूत सिंह के निधन से पहले ही नगर निगम और जिला प्रशासन का समझौता जनरल हनूत के साथ हुआ था जिसमें नगर निगम ने उनके जीवित रहने तक नगर निगम की भूमि पर रहने की इजाज़त दी थी, उसके बाद नगर निगम ने कब्जा ले लेने की बात कही थी, तो नगर निगम के कहने के बाद भी वहां समाधि निर्माण क्यों किया गया।
नृपेन्द्र द्वारा अपने सीमा के अतिरिक्त भी शिवाबालयोगी आश्रम के क्षेत्र में भी कई हिस्सों पर डरा धमका कर कब्जा कर लिया गया था, जो ये दर्शाता है कि नृपेन्द्र उस भू-भाग पर कब्जा करना चाहते हैं। आश्रम के अवैध भू-भाग में हुए सीलिंग की कार्रवाई को आश्रम ट्रस्ट इत्तेफाक रखता है और कार्रवाई को वाजिब करार देते हुए यह कहना चाहता है कि पूर्ण कार्रवाई आश्रम के शिकायत पर हुई है। इसमें किसी भी राजनीतिक व्यक्ति का हस्तक्षेप नहीं है। सीलिंग के कार्रवाई के बाद आश्रम पक्ष को कोई चाबी नहीं दी गई है ना ही उक्त भूमि पर कोई दखल दिया गया है।
सीलिंग की कार्वाई के बाद से ही इस मामले मे ंकाफी तूल पकड़ लिया था। अब बिहारी महासभा ने आश्रम के पक्ष में खुल कर आने का फैसला कर लिया है। महासभा का कहना है कि कुछ तथाकथित लोग अपने व्यक्तिगत स्वार्थो को लेकर आश्रम को बर्बाद करने का षडयंत्र रच रहे है जिसे बिहारी महासभा सहित पूर्वाचल के लोग सहन नही करेंगे। इसके लिए प्रदेशभर में महासभा आंदोलन का जल्द ही रूपेरखा तैयार करेगा।