गदरपुर- बाईपास का निर्माण शुरू कराने को लेकर 15 दिसंबर को आमरण अनशन पर बैठे दो व्यापारी नेताओं को पुलिस ने जबरन उठा कर जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया। आधी रात के बाद की गई इस कार्रवाई के विरोध में व्यापारियों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने बाजार बंद कराकर रोष का इजहार किया तथा थाने पहुंच कर थानाध्यक्ष पर चूडिय़ां फेंकी। थानाध्यक्ष व व्यापारियों के बीच तीखी झड़प भी हुई। यही नहीं पांच अन्य व्यापारी रविवार को आमरण अनशन पर बैठ गए।
गदरपुर में बाईपास निर्माणाधीन है, जिसका कार्य लंबे समय से रुका हुआ है। बाईपास न होने के कारण गदरपुर में जाम की स्थिति रहती है, जिससे व्यापार प्रभावित हो रहा है। इसे लेकर समाजसेवी राजकुमार सिंधी व राजीव पपनेजा मुख्य मार्ग पर हजारी लाल पेट्रोल पंप के समीप आमरण अनशन पर बैठ गए थे। यहां बता दें कि हाईकोर्ट ने गदरपुर में अतिक्रमण हटाने के आदेश दे रखे हैं। व्यापारियों का कहना है कि यदि बाईपास शुरू हो जाए तो नगर में जाम की समस्या खत्म हो जाएगी। पुलिस अनशन स्थल पर पहुंची तथा दोनों आमरण अनशन कारियों को जबरन उठा कर जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया। आरोप है कि जबरन उनका अनशन तुड़वा दिया गया। कहा कि जिला प्रशासन व एनएचएआई के अधिकारी बाईपास का निर्माण कार्य जानबूझ कर लटकाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह व्यापारियों के साथ कंधे से कंधा मिला कर लड़ाई लड़ेंगे। वहीं राजकुमार सिंधी ने कहा कि जब तक गदरपुर में बाईपास शुरू नहीं हो तब तक एनएच 74 पर टोल वसूली रोकी जाए।