उत्तराखंड : सर्दी में जम गया श्राइन बोर्ड एक्ट का विरोध

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चारधाम
उत्तराखंड के चार धामों समेत 50 से ज्यादा मंदिरों के प्रबंधन के लिए बनाए गए श्राइन बोर्ड एक्ट का विरोध कड़कड़ाती सर्दी में जम सा गया है। पिछले कुछ दिनों से आंदोलन के नाम पर सिर्फ सन्नाटा है। वैसे सरकार के साथ कुछ बिंदुओं पर तीर्थ पुरोहितों और हक हकूकधारियों की सहमति बन जाने की खबरें भी आ रही हैं, हालांकि इसकी पुष्टि कोई पक्ष नहीं कर रहा है। माना जा रहा है कि सहमति की तार्किक परिणति चार धामों के कपाट खुलने से कुछ दिन पहले देखने को मिलेगी।
बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री समेत 50 से ज्यादा मंदिरों के प्रबंधन के लिए सरकार ने श्राइन बोर्ड एक्ट बना दिया है। इसे देवस्थानम एक्ट नाम दिया गया है। इसके बाद, अब सारी व्यवस्था एक उच्चस्तरीय नौकरशाह की अगुवाई वाले बोर्ड के हाथों में आ जाएगी। तीर्थ पुरोहित और हक हकूकधारी इस एक्ट का विरोध कर रहे है और हित प्रभावित होने की आशंका जता रहे हैं। दूसरी तरफ, इस एक्ट के क्रियान्वयन को लेकर सरकार सख्त दिख रही है। यही कारण है कि उसने विरोध की परवाह नहीं की है। सरकार इस बात से भी सहज हुई है कि एक्ट विरोधी आंदोलन को जनता का समर्थन हासिल नहीं हुआ है।
तीर्थ पुरोहितों और हक हकूकधारियों का आंदोलन पड़ा ठंडा
सरकार के साथ कुछ बिंदुओं पर बन रही सहमति भी कारण
तीर्थ पुरोहितों और हक हकूकधारियों ने पिछले साल के आखिरी महीने में एक्ट के विरोध में कई मर्तबा ताकत दिखाई थी लेकिन नए साल में अभी तक सब कुछ ठंडा है। साथ ही विधानसभा के एक दिनी खास सत्र में भी विरोध को कोई स्थान नहीं दिया गया। बताया जा रहा है कि प्रतिकूल मौसम ने भी आंदोलन पर ब्रेक लगाई है लेकिन सरकार के साथ तीर्थ पुरोहितों की कुछ एक बिंदुओं पर सहमति भी खामोशी का एक कारण है। चार धामों में आने वाले चढ़ावे की धनराशि का 30 फीसदी हिस्सा तीर्थ पुरोहितों और हक हकूकधारियों के कल्याण के लिए खर्च करने की शर्त सरकार के सामने रखी गई है। इस पर सरकार का सकारात्मक रुख नजर आ रहा है। हालांकि अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है।
तीर्थ पुरोहितों की महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल का कहना है कि एक्ट का हम पूरी ताकत से विरोध कर रहे हैं। चरणबद्ध तरीके से आंदोलन हो रहा है। दूसरी तरफ, शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक का कहना है कि सरकार तीर्थ पुरोहितों की आशंका को दूर करेगी। श्राइन बोर्ड एक्ट बेहतर व्यवस्था के लिए हैं।