ज्यादा टेलीविजन देखने वाले बच्चों का स्वभाव आक्रामक और उनमें सामाजिक अलगाव का खतरा हो जाता है। इससे 13 साल की उम्र में ही दूसरे बच्चों के प्रति बच्चों में हिंसक और आसामाजिक व्यवहार पैदा होने लगते हैं। यह अध्ययन पत्रिका ‘साइकोलॉजिकल मेडिसिन’ में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं ने इसके लिए 1997/1998 में पैदा हुए बच्चों के आकड़ों का अध्ययन किया।
कनाडा के मांट्रियल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और प्रमुख शोधकर्ता लिंडा पागानी ने कहा, “वैसे बच्चे जो टेलीविजन देखने के आदी होते हैं, उनका स्वभाव माध्यमिक स्कूल के पहले साल के अंत तक एकांत, अपने साथियों की तुलना में आक्रामक और असमाजिक व्यवहार पसंद करने वाला बन जाता है।” इससे 991 लड़कियों और 1,006 लड़कों के माता-पिता ने ढाई साल तक अपने बच्चों के टीवी देखने के घंटों का लेखा-जोखा रखा।
13 साल की उम्र में इन बच्चों की दिक्कतों सामाजिक अलगाव, साथियों द्वारा जानबूझकर और सुनियोजित आक्रामकता का प्रदर्शन करना और असामाजिक व्यवहार का अध्ययन किया गया।शोधकर्ताओं ने बच्चों के माता-पिता द्वारा दिए गए दो साल की उम्र में टीवी देखने की आदतों और बच्चों के खुद के 13 साल की उम्र में दिए गए सामाजिक अनुभवों के आकड़ों का अध्ययन किया।
पागनी ने पाया, “माध्यमिक विद्यालय में बिताया गया वक्त किशोरों के विकास का एक महत्वपूर्ण चरण है। हमने पाया कि ज्यादा टेलीविजन देखने से 13 साल की उम्र में स्थिति जटिल हो जाती है। इससे सामाजिक अलगाव का अतिरिक्त खतरा बढ़ जाता है।”