अब घोटाले की फाईलों के हस्ताक्षरों की जांच

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रुद्रपुर, एनएच-74 भूमि मुआवजा घोटाले की जांच में जुटी एसआईटी को जांच के लिए एफएसएल देहरादून भेजे गए काशीपुर और जसपुर तहसील के कुछ दस्तावेज मिल गए हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि दस्तावेज के आधार पर एसआइटी जल्द ही कुछ और तहसील कर्मियों के साथ ही काश्तकारों की भी गिरफ्तारी कर सकती है।
एसआईटी की जांच में यह बात में सामने आई थी कि भूमि का बैक डेट में 143 करने के लिए सरकारी कर्मचारियों और अफसरों ने दस्तावेज में फर्जी हस्ताक्षर किए हैं। हस्ताक्षरों की सत्यता के लिए एसआईटी ने काशीपुर और जसपुर तहसील के कुछ दस्तावेज को जांच के लिए देहरादून फोरेंसिक लैब भेजा। कुछ दिन पूर्व दोनों तहसीलों की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद एसआईटी ने साक्ष्यों के आधार पर एक पीसीएस अफसर सहित आठ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
एसआइटी को एफएसएल से कुछ और दस्तावेज मिल गए हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि दस्तावेज की जांच के बाद एसआइटी जल्द ही दोनों तहसीलों के कुछ और काश्तकारों सहित सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार कर सकती है। एसएसपी डा. सदानंद दाते ने बताया कि एफएसल से कुछ दस्तावेज मिले हैं। दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं मुआवजा घोटाले का मुख्य आरोपी डीपी सिंह लगातार एसआईटी को चकमा दे रहा है। एसआईटी की तीन टीमें विभिन्न क्षेत्रों में उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं, लेकिन भूमिगत हुए डीपी का कोई सुराग पुलिस को नहीं मिला है। डीपी के रुद्रपुर कोर्ट में आत्मसमर्पण करने की सूचना पर पुलिस सादी वर्दी में दिन भर कोर्ट परिसर में भी घूमती रही, लेकिन डीपी कोर्ट में नहीं पहुंचा।